कोरोना के संकट में बढ़ी अंडे की मांग, प्रोटीन के कारण जमकर हो रही खपत

अंडे में होने वाले प्रोटीन के कारण जमकर हो रही खपत। सर्दी के मुकाबले इस बार गर्मी में भी रही डिमांड।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 09:56 AM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 10:15 AM (IST)
कोरोना के संकट में बढ़ी अंडे की मांग, प्रोटीन के कारण जमकर हो रही खपत
कोरोना के संकट में बढ़ी अंडे की मांग, प्रोटीन के कारण जमकर हो रही खपत

हापुड़, शुभम गोयल। कोरोना महामारी के कारण इस बार गर्मियों में अंडे की मांग बढ़ी है। इसके पीछे की वजह अंडे में मिलने वाले प्रोटीन को बताया जा रहा है। जो शरीर की इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाता है। हर बार गर्मियों के दिनों में अंडे की मांग कम हो जाती थी।

हालांकि, सर्दियों के मुकाबले यह मांग अभी भी कम है। लॉकडाउन की शुरूआत में मुर्गी और अंडे को लेकर तमाम प्रकार की अफवाह उड़ी थीं। सोशल मीडिया पर मुर्गी से कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के खतरे की अफवाह जमकर उड़ी थीं। यही कारण था कि इनकी बिक्री और कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई थी। यह गिरावट तीस से पचास प्रतिशत तक दर्ज हुई थी। लेकिन, इसमें कोई सच्चाई ना मिलने के बाद लोगों ने फिर से अंडे को खाना शुरू किया।

चिकित्सकों के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने में शरीर की इम्युनिटी शक्ति का बेहतर होना आवश्यक है। इसलिए लोगों से शुद्ध और बेहतर खाद्य पदार्थों को खाने की अपील की गई थी। जिस कारण लोगों ने ड्राय फ्रूट्स और अंडे खाने की शुरूआत की। अंडे में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है। सर्दियों में अंडे की मांग बहुत अधिक होती है। जबकि, गर्मियों में अंडे की मांग पचास प्रतिशत रह जाती है। लेकिन, इस बार गर्मियों के दिनों में यह मांग बीस से तीस प्रतिशत तक बढ़ी है।

गर्मियों में कम होता है दाम 

अंडा विक्रेता कल्लू ने बताया कि सर्दियों में अंडे का थोक मूल्य प्रति अंडा छह से सात रुपये होता है। जो रिटेल में आठ रुपये में बिकता है। जबकि, गर्मियों में थोक मूल्य पांच रुपये का होता है। जो रिटेल में छह रुपये में बिकता है। घर पर खाद्य पदार्थों में लोग अंडे का इस्तेमाल अधिक करते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण होटल और रेस्टोरेंट बंद हैं।

लॉकडाउन की शुरूआत में लगा था कि अंडे का व्यापार इस बार ठप हाे जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ है। पिछले साल की गर्मियों के मुकाबले इस बार व्यापार में वृद्धि हुई है। लेकिन, यह वृद्धि सर्दियों के मुकाबले कम है।उन्होंने बताया कि सर्दियों के दिनों में जनपद में एक दिन में करीब दस लाख से अधिक अंडों की खपत होती है। जो गर्मियों में चार से पांच लाख पर आकर रुक जाती है।

chat bot
आपका साथी