मेरा वक्त अब आ चुका है.. ये लिखकर सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर ने दे दी जान

संवाद सहयोगी मौदहा कोतवाली क्षेत्र के करहिया गांव में सेवानिवृत्त बैंक शाखा प्रबंधक ने घर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 05:39 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 05:39 PM (IST)
मेरा वक्त अब आ चुका है.. ये लिखकर 
सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर ने दे दी जान
मेरा वक्त अब आ चुका है.. ये लिखकर सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर ने दे दी जान

संवाद सहयोगी, मौदहा : कोतवाली क्षेत्र के करहिया गांव में सेवानिवृत्त बैंक शाखा प्रबंधक ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा कि मेरा वक्त अब आ चुका है, मुझे अपने कर्मो का पश्चाताप करने को ये कदम उठाना ही होगा। वह उनके नाम से होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन को कानपुर से गांव आए थे। उनके खिलाफ 32 लाख रुपये घोटाले का मामला अदालत में विचाराधीन है।

करहिया गांव निवासी सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक 64 वर्षीय प्रमोद मिश्रा ने शनिवार रात घर में लकड़ी में रस्सी का फंदा डाल फांसी लगा ली। वह प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष गांव में उनके नाम से होने वाले पीसीसी (प्रमोद क्रिकेट क्लब) क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन को पांच दिन पूर्व कानपुर से गांव आए थे। ग्रामीणों के अनुसार प्रतिदिन प्रमोद सुबह अपने घर के बाहर बैठ लोगों से मिलते जुलते थे। वहीं जब रविवार को देर तक उनके दरवाजे नहीं खुले तो मोहल्ले वालों ने उन्हे आवाज लगाने को जैसे ही दरवाजे में धक्का दिया तो वह खुल गया, जिसके बाद अंदर जाकर देखा तो फांसी में उनका शव लटकता मिला। पुलिस ने शव के पास से सुसाइड नोट बरामद किया। बताया कि मृतक के तीन बेटे है और सभी नौकरी पेशा है। वहीं उनकी बहुएं भी सरकारी नौकरी करती है। वह पत्नी व अपने छोटे बेटे प्रसून के परिवार के साथ कानपुर में रहते थे। कोतवाल मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि मामला आत्महत्या का है। न्यायालय में विचाराधीन है 32 लाख रुपये के घोटाले का मामला ग्रामीणों के अनुसार प्रमोद तुलसी ग्रामीण बैंक बांदा में शाखा प्रबंधक के पद पर तैनात थे। जिन पर बैंक में 32 लाख के घोटाले का आरोप लगा था, जिसके चलते वह दो वर्ष बांदा जेल में भी रहे। बाद में बैंक से इन्हें सेवा मुक्त कर दिया गया, लेकिन घोटाले का मुकदमा अभी भी न्यायालय में चल रहा था।

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