मच्छरों के लार्वा पर गंबूसिया मछली लगाएंगी लगाम

यता से 11050 मछली का बीज मंगाया जाएगा। जिससे और बीज तैयार करा तालाब पोखरों में डलवाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 11:11 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jul 2020 06:08 AM (IST)
मच्छरों के लार्वा पर गंबूसिया मछली लगाएंगी लगाम
मच्छरों के लार्वा पर गंबूसिया मछली लगाएंगी लगाम

अभय प्रताप सिंह, हमीरपुर

जिले में डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों पर लगाम कसने को केरल की गंबूसिया मछली का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायतों और मत्स्य विभाग की सहायता से 11050 मछली का बीज मंगाया जाएगा, जिससे और बीज तैयार करा तालाब पोखरों में डलवाया जाएगा। गंबूसिया मछली तालाब व पोखरों में पनपने वाले मच्छरों के लार्वा को खा लेती है। संचारी रोग नियंत्रण को जिले के नोडल बनाए गए रवि कुमार एंजी के सुझाव पर प्रशासन इसे अमल में लाने में जुटा है।

बीते दिनों जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की निगरानी को शासन से बनाए गए नोडल अधिकारी ने जिले के नरायन गांव का भ्रमण किया। जहां एक गड्ढे में भरा पानी देख उन्होंने इसमें उत्पन्न होने वाले मच्छरों के लार्वा के नष्ट करने के लिए गंबूसिया मछली डालने की व्यवस्था कराने का सुझाव दिया। इस पर जिलाधिकारी ने जिला मत्स्य अधिकारी से जानकारी ली और बीज मंगवाने व जिले में तालाब-पोखर चिह्नित किए जाएं। डीडीओ विकास मिश्रा ने बताया कि शुरु में इस मछली का बीज 34 ग्राम पंचायतों के तालाब-पोखरों में डाला जाएगा। उसके बाद अन्य ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में भी इसे डलवाया जाएगा। मत्स्य विभाग को मछली का बीज लाने की तैयारी कराने को कहा है। बता दें, केरल इसी मछली के कारण राज्य डेंगू मुक्त हुआ है।

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लार्वा मछली का मुख्य भोजन

जिला मत्स्य अधिकारी आशा वर्मा ने बताया कि करीब एक बीघे के तालाब में लार्वा नष्ट करने को एक सैकड़ा गंबूसिया मछली पर्याप्त है। लार्वा इनका मुख्य भोजन होता है। इनकी प्रजनन क्षमता बहुत तेज होती है। करीब डेढ़ माह में इनकी संख्या दोगुनी हो जाती है। यह मछली काफी छोटी होती है। इनके बीज कोलकाता से लाए जाने की तैयारी की जा रही है।

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