किसानों ने माइनर को ध्वस्त कर बनाया खेत

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : दशकों पूर्व ¨सचाई के लिए लघु ¨सचाई विभाग द्वारा बनाई गई सहुरापुर पंप क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jun 2018 05:32 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jun 2018 05:32 PM (IST)
किसानों ने माइनर को ध्वस्त कर बनाया खेत
किसानों ने माइनर को ध्वस्त कर बनाया खेत

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : दशकों पूर्व ¨सचाई के लिए लघु ¨सचाई विभाग द्वारा बनाई गई सहुरापुर पंप कैनाल की धरमपुर-सुमेरपुर माइनर को किसानों ने पानी न आने के कारण खेतों में मिला लिया है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण किसानों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है।

दशकों पूर्व किसानों को ¨सचाई के लिए पानी मुहैया कराने के लिए लघु ¨सचाई विभाग ने सहुरापुर पंप कैनाल से धरमपुर-सुमेरपुर माइनर का निर्माण कराया था। निर्माण के दौरान जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई उन्हें मुआवजा भी दिया गया और करोड़ों रुपये की लागत से नहर का निर्माण कराया गया। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से सहुरापुर पंप कैनाल का पानी कभी धरमपुर से आगे नहीं बढ़ सका। इस वजह से किसानों ने माइनर को अनुपयोगी मान लिया। अब इसको खेतों में मिलाकर बराबर करके माइनर का नामोनिशान मिटाने में जुट गए है। रविवार को ऐसा नजारा कस्बे के दुग्ध डेयरी मार्ग पर आगे जाने पर सिद्ध बाबा स्थान के समीप देखने को मिला। यहां पर किसानों ने माइनर का नामोनिशान मिटाकर खेत में मिला लिया है। खेतों में मौजूद किसानों ने बताया कि जब पानी ही नहीं आता तो ऐसी नहर की क्या जरूरत है। इसलिए लोग इसको ध्वस्त करने में जुटे है। उन्होंने बताया कि जब से नहर बनाई गई तब से अब तक कोई अधिकारी इसको देखने तक नहीं आया है। कई बार ज्ञापन आदि देकर पानी छोड़े जाने की मांग की गई है। लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है। पंप कैनाल के अवर अभियंता मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि उनको जानकारी नहीं है। वह सींचपाल के साथ सोमवार को नहर का निरीक्षण करेंगे। जिन किसानों ने नहर को ध्वस्त करके खेतों में मिला लिया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करके क्षतिपूर्ति वसूल करेंगे।

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