लोहिया गांव : सपनों पर फिरा पानी

कुरारा (हमीरपुर) संवाद सूत्र: चमकती गलियां होंगीं, हर गली में लाइटें झिलमिला रही होंगी, कुछ ऐसा ही स

By Edited By: Publish:Thu, 30 Oct 2014 01:23 AM (IST) Updated:Thu, 30 Oct 2014 01:23 AM (IST)
लोहिया गांव : सपनों पर फिरा पानी

कुरारा (हमीरपुर) संवाद सूत्र: चमकती गलियां होंगीं, हर गली में लाइटें झिलमिला रही होंगी, कुछ ऐसा ही सपना सोचा था रघवा गांव के लोगों ने। 2012-13 में लोहिया योजना में अन्य गांवों के नामों की सूची में जब रघवा गांव का भी नाम आया था। नेतराम ही नहीं गांव के अन्य लोगों का भी यही सोचना था कि अब गांव का कायाकल्प हो सकेगा। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं, यह सरकारी योजना हैं यूं ही हवा में तैरती है।

इस गांव में मंडलायुक्त दो बार आ चुके हैं। जिलाधिकारी चार बार दौड़ा कर चुके हैं। गांवों के लोगों को बैठा कर उनकी समस्या सुनने के लिए चौपाल तक लगाई गई। जब लोगों ने अपनी समस्या सुनानी चाही तो हाथ दबा दिया गया। वैसे हकीकत यह है कि जितने भी बड़े अधिकारी आए उन्हें केवल स्कूल परिसर तक ही सीमित रख दिया गया। गांव में घुमाकर हकीकत किसी को देखने ही नहीं दी गई। गांव के () का कहना है कि पिछले बार जब मंडलायुक्त आए थे तो उसने समस्या बताने की कोशिश की थी लेकिन अधिकारियों ने, बाद में कहना, ऐसा कहकर रोक दिया था। उसका कहना है कि गांव में अधिकारी कार्यो का सत्यापन कर लें तो सच्चाई स्वयं पता चल जाएगी। गांव में कुल 94 शौचालय कागजों पर बने दिखाए गए हैं। हकीकत यह है कि अधिकांश शौचालय या तो अधूरे हैं या फिर बनते ही टूट गए। गांव में दो सोलर लाइटें लगाई गई हैं। यह दिनभर तो चार्ज होती हैं और रात में डेढ़ घंटा चलते ही फुस्स हो जाती हैं। गांव में कुल 42 इंदिरा आवास बने हैं और तीन लोहिया आवास हैं। गांव के लखनलाल, कैलाश, दिनेश, मथुरा ने बताया कि गांव में हुए कार्यो में काफी कमियां हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों से भी की गई लेकिन किसी ने कोई सुधार करने के लिए कोशिश नहीं की।

रघवा गांव में सड़कों के लिए बीस लाख रुपया आया था, इसमें सड़कें बनी भी हैं। साथ ही बुंदेलखंड पैकेज के तहत कुछ सड़कें 2009 में बनी थीं। जो सड़कें बननी रह गई हैं, उसके लिए बजट की मांग की गई है। ज्ञानेश्वर तिवारी, वीडीओ कुरारा।

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