ठहरने के लिए स्टेशन से 20 किमी दूर जाते हैं टीटीई, प्लेटफार्म पर समय गुजारते हैं टीटीई Gorakhpur News
गोरखपुर-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस के चल टिकट परीक्षकों (टीटीई) को ठहरने और खाने के लिए 20 किमी दूर सड़क मार्ग से जाना पड़ता है तो कृषक एक्सप्रेस के टीटीई को वाराणसी सिटी में चार घंटे प्लेटफार्म पर बैठकर गुजारना पड़ता है।
गोरखपुर, जेएनएन : पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल प्रशासन की मनमानी टिकट चेकिंग स्टाफ पर भारी पड़ने लगी है। संबंधित अधिकारी स्टाफ की ड्यूटी मनमाने ढंग से लगा दे रहे हैं। इसके चलते उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गोरखपुर-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस के चल टिकट परीक्षकों (टीटीई) को ठहरने और खाने के लिए 20 किमी दूर सड़क मार्ग से जाना पड़ता है तो कृषक एक्सप्रेस के टीटीई को वाराणसी सिटी में चार घंटे प्लेटफार्म पर बैठकर गुजारना पड़ता है।
इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन ने व्यक्त किया आक्रोश
टीटीई की समस्याओं को लेकर इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन ने आक्रोश व्यक्त किया है। आर्गनाइजेशन के जोनल महामंत्री रमेश चंद्र मिश्र के अनुसार रेलवे प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है लेकिन संबंधित अधिकारी नोटिस नहीं ले रहे। अगर यही स्थिति रही तो संगठन आंदोलन को बाध्य होगा। उन्होंने बताया कि गोरखपुर-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस सुबह 3.35 बजे गोरखपुर से रवाना होती है।
स्टेशन पर ठहरने की व्यवस्था नहीं, खाने के लिए भी होती है दिक्कत
कप्तानगंज के रास्ते 9.40 बजे खैरा स्टेशन पहुंचती है। इस स्टेशन से आगे पूर्व मध्य रेलवे पड़ता है। ऐसे में टिकट चेकिंग स्टाफ खैरा में ही उतर जाता है, लेकिन स्टेशन पर ठहरने की व्यवस्था है न खाने की। ऐसे में स्टाफ सड़क मार्ग से 20 किमी दूर छपरा पहुंचता है। ट्रेन की वापसी के समय शाम 5.30 बजे से पहले फिर छपरा से खैरा आना पड़ता है। यही स्थिति कृषक एक्सप्रेस के चल टिकट स्टाफ की है। स्टाफ दोपहर एक बजे ट्रेन लेकर वाराणसी सिटी पहुंचते हैं और शाम को पांच बजे वापस आ जाते हैं।
वाराणसी सिटी में रनिंग रूम नहीं, बेंच पर बैठता है चेकिंग स्टाफ
वाराणसी सिटी में रनिंग रूम नहीं होने के चलते स्टाफ को प्लेटफार्म के बेंच पर बैठकर चार घंटे गुजारना पड़ता है। ऐसे में टिकट चेकिंग स्टाफ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।