मां ने कहा- मुझे अपने बेटों पर गर्व, बड़ा बेटा शहीद हुआ तो छोटे को भी भेज दिया सीमा पर

शहीद पूरन थापा की मां ने कहा कि हमें अपने दोनो बेटों पर गर्व है। एक शहीद हुआ तो दूसरे को भी सेना में भेज दिया है। वह डयूटी पर है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Jul 2019 10:01 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jul 2019 06:26 AM (IST)
मां ने कहा- मुझे अपने बेटों पर गर्व, बड़ा बेटा शहीद हुआ तो छोटे को भी भेज दिया सीमा पर
मां ने कहा- मुझे अपने बेटों पर गर्व, बड़ा बेटा शहीद हुआ तो छोटे को भी भेज दिया सीमा पर

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के नौतनवा के शहीद पूरन थापा को भला कौन नहीं जानता। 28 मई 1999 को तराई की मिट्टी का यह लाल दुश्मनों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ। तो मां सुमित्रा देवी ने बड़े बेटे का गम भुला कर अपने छोटे बेटे श्याम थापा को भी सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेने के लिए भेज दिया। आज श्याम थापा श्रीनगर में तैनात हो दुश्मनों से दो-दो हाथ कर रहे हैं।

यूं तो पूरन को शहीद हुए लंबा समय गुजर चुका है, लेकिन आज भी यहां की युवा पीढ़ी उनके बहादुरी की गाथा को बड़े ध्यान से सुनती है। पूरन थापा में बचपन से ही देश सेवा का जज्बा था। 26 अप्रैल 1997 को जब उन्होंने सेना में ज्वाइन किया तो घर में खुशी का माहौल था। सभी को उम्मीद थी कि बेटा देश का नाम रोशन करेगा। अभी दो वर्ष भी नहीं बीते थे कि कारगिल की पहाड़ियों पर घुसपैठियों द्वारा कब्जा किए जाने की सूचना मिल गई। उस समय ऊंची चोटियों को मुक्त कराने के लिए पूरन थापा की बटालियन को लगाया गया, तो वह घर पर फोन कर आशीष प्राप्त कर अपने मिशन में जुट गया और देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। लेकिन जब शहीद का शव नौतनवा पहुंचा तो उन्हें श्रद्धा सुमन देने के लिए जिले के लोग उमड़ पड़े। बहादुर बेटे के असमय जाने का गम तो मां सुमित्रा देवी को भी है, लेकिन बेटे के साहस की चर्चा सुन मां का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

और जब डबडबा गई मां की आंखें

बेटे की दास्तां बयां करते-करते मां सुमित्रा थापा की आंखें डबडबा गई। रुधे हुए गले से कहतीं हैं कि उन्होंने पूरन को विजयी भव का आशीष दिया था। सेना तो अपने मिशन में कामयाब हो गई, लेकिन हमारा पूरन आंखों से ओझल हो गया। एक मां होने के चलते उसके असमय चले जाने का गम तो हर दम सालता है, लेकिन इस बात का सुकून है कि मेरा बहादुर बेटा देश की रक्षा के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ।

बेटों पर है गर्व

मां सावित्री ने कहा कि मेरा बहादुर बेटा देश की रक्षा के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ और अब श्याम थापा श्रीनगर में तैनात हो भाई के सपनों को साकार कर रहा है। हमें अपने बेटों पर गर्व है।

भाइयों की तरह हमें भी है देश सेवा की ईच्छा

पूरन के सबसे छोटे भाई अशोक थापा को भी अपने भाई की शहादत पर गर्व है। उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों की तरह मेरी भी ईच्छा है कि मैं भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करूं।

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