रेलवे के डी श्रेणी स्टेशनों पर टिकट बिक्री का जिम्‍मा निजी हाथों में देने की तैयारी Gorakhpur News

रेलवे के डी श्रेणी के स्टेशनों पर एजेंट ही जनरल टिकट की बिक्री करेंगे। रेलवे बोर्ड ने ई और एफ श्रेणी के स्टेशनों की तरह डी पर भी एसटीबीए रखने की कवायद शुरू कर दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 05 Sep 2019 01:00 PM (IST) Updated:Fri, 06 Sep 2019 09:15 AM (IST)
रेलवे के डी श्रेणी स्टेशनों पर टिकट बिक्री का जिम्‍मा निजी हाथों में देने की तैयारी Gorakhpur News
रेलवे के डी श्रेणी स्टेशनों पर टिकट बिक्री का जिम्‍मा निजी हाथों में देने की तैयारी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। भारतीय रेलवे में अब डी श्रेणी के स्टेशनों पर भी एजेंट ही जनरल टिकट की बिक्री करेंगे। रेलवे बोर्ड ने ई और एफ श्रेणी के स्टेशनों की तरह डी पर भी स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए सभी जोनल रेलवे से सुझाव मांगे गए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे ने भी प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेज दिया है।

डी श्रेणी के स्टेशनों पर भी एसटीबीए कमीशन पर ही टिकट की बिक्री करेंगे। वह जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवा (जेटीबीएस) की तरह स्टेशन परिसर से बाहर नहीं बल्कि अंदर काउंटर आदि पर बैठकर टिकट बुक करेंगे। दरअसल, डी श्रेणी के स्टेशनों पर परिचालन के अलावा कामर्शियल के कर्मचारी भी तैनात रहते हैं, लेकिन इधर उनकी संख्या भी कम होती जा रही है। इसके चलते टिकट बिक्री प्रभावित होने लगी है। आम यात्री भी परेशान हो रहे हैं। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने बुकिंग व्यवस्था को और सरल बनाने के उद्देश्य से डी श्रेणी के स्टेशनों पर भी एजेंट रखने की योजना तैयार की है। इसी क्रम में सभी जोनल रेलवे से सुझाव मांगे जा रहे हैं, ताकि आने वाली तकनीकी खामियों को दूर किया जा सके।

पूर्वोत्तर रेलवे में 86 स्टेशनों पर एसटीबीए का प्रस्‍ताव

फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने डी श्रेणी (आनंदनगर, नौतनवां और नौगढ़ आदि) के कुल 86 स्टेशनों पर एसटीबीए तैनात करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेजा है। ई श्रेणी के कुल 201 में से 162 (यहां सिर्फ एक रेलकर्मी तैनात रहता है) स्टेशनों पर एसटीबीए पहले से तैनात हैं। एफ श्रेणी के 178 हाल्ट स्टेशनों (यहां एक भी रेलकर्मी नहीं रहते हैं) पर एजेंट ही कमीशन पर टिकट बेच रहे हैं।

एसटीबीएस बन गए एसटीबीए

रेलवे बोर्ड टिकट बिक्री व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने का मन बना चुका है। वर्ष 2013 से ई श्रेणी के स्टेशनों पर स्टेशन टिकट बुकिंग सेवक (एसबीएसएस) रखे जा रहे हैं। हालांकि, एसटीबीएस अब एसटीबीए कहलाने लगे हैं।

रेलवे बोर्ड ने अलग-अलग जोन से सुझाव मांगा है। मामला अभी विचाराधीन है। जल्द ही इसपर निर्णय लिया जाएगा। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

chat bot
आपका साथी