उफ.... यह गुस्सा ! छोटी-छोटी बातों पर जान के दुश्मन बन जा रहे लोग

छोटी-छोटी बातों पर लोग एक दूसरे की जान के दुश्‍मन बन जा रहे हैं। बीते एक सप्‍ताह के अंदर गोरखपुर में मामूली बातों पर दो हत्‍याएं हो गईं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 26 Nov 2018 10:27 AM (IST) Updated:Wed, 28 Nov 2018 10:01 AM (IST)
उफ.... यह गुस्सा ! छोटी-छोटी बातों पर जान के दुश्मन बन जा रहे लोग
उफ.... यह गुस्सा ! छोटी-छोटी बातों पर जान के दुश्मन बन जा रहे लोग

केस - एक

गोरखपुर के कैंट क्षेत्र के मोहद्दीपुर स्थित श्रीरामपुरम कालोनी में 24 नवंबर को दिन में घर के सामने एक्टिवा करने को लेकर हुए विवाद में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री के भाई और उद्यान निरीक्षक सत्येंद्र उर्फ संजय सिंह की गला घोटकर हत्या कर दी गई। भाजपा नेता के पड़ोस में रहने वाले खाद, बीज और कृषि उपकरणों के व्यवसायी, उसके बेटों ने सरेआम इस घटना को अंजाम दिया। चारों आरोपित जेल भेज दिए गए हैं।

केस - दो

गगहा क्षेत्र के मजुरी निवासी लक्ष्मण (65) को 21 नवंबर की रात गांव के ही कुछ लोगों ने लाठी से पीटकर मौत के घाट उतार दिया। रात में खाना खाने के बाद वह घर के सामने टहल रहे थे। इसी दौरान गांव के ही युवक से किसी बात पर उनकी कहासुनी हो गई। इसी बात पर युवक और उसके परिवार के लोगों ने मिलकर बुजुर्ग को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला। इस मामले में छह लोग गिरफ्तार हैं।

गोरखपुर, नवनीत प्रकाश त्रिपाठी। एक सप्ताह के अंदर हुई उक्‍त दोनों घटनाएं इस बात का प्रमाण है कि छोटी-छोटी बात पर लोग एक-दूसरे के जान का दुश्मन बन जा रहे हैं। कोई भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। सामने वाले की तुलना में खुद को अधिक प्रभावशाली साबित करने के लिए आक्रामकता की सीमा पार कर जाना आम बात हो गई हैं। जिन बातों को नजर अंदाज कर आगे बढ़ा जा सकता है, उन बातों पर भी आए दिन सड़क, चौराहों पर विवाद होते देखा जा सकता है। कोई घटना होने के बाद पुलिस तो अपनी भूमिका निभाती ही है लेकिन लोगों के इस गुस्से को नियंत्रित करने का न तो कोई उपाय सूझ रहा और न ही इसकी उम्मीद दिख रही है।

पुलिस के लिए कठिन चुनौती हैं इस तरह की घटनाएं

सेवानिवृत्त डीआइजी जेपी सिंह इस तरह की घटनाओं को पुलिस के लिए नई और अपेक्षाकृत अधिक मुश्किल चुनौती के रूप में देखते हैं। वह कहते हैं कि गली मोहल्लों में होने वाली हर बात पुलिस के संज्ञान में आए ही, ऐसा संभव नहीं है। ऐसी घटनाओं से प्रभावित लोग विभिन्न कारणों से पुलिस के पास जाना नहीं चाहते। इसलिए इस तरह की घटना रोकना पुलिस के लिए कठिन चुनौती है। सेवानिवृत्त सहायक पुलिस अधीक्षक शिवपूजन सिंह यादव भी पूर्व डीआइजी की बात से सहमति व्यक्त करते हैं। वह कहते हैं कि लोगों में संयम और धैर्य की कमी आती जा रही है। जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

सामुदायिक भावना खत्म होने का परिणाम हैं ऐसी घटनाएं : प्रो. शफीक

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रोफेसर शफीक अहमद इसकी वजह लोगों में सामुदायिक भावना का खत्म होना मानते हैं। वह कहते हैं सामाजिक मूल्यों में आई गिरावट की वजह से समाज का ताना-बाना बिखर गया है। जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। संयुक्त परिवारों की अस्तित्व करीब-करीब समाप्त होने  के साथ ही साथ कामयाबी हासिल करने की चुनौतियों से हर व्यक्ति परेशान है। जिसकी वजह से छोटी-छोटी बात पर उसका गुस्सा फूट पड़ रहा है। समाज में शक्ति का प्रदर्शन करना लोगों के बीच फैशन की तरह हो गया है। जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

आत्म नियंत्रण में कमी की वजह से हो रहीं हैं घटनाएं : प्रो. धनंजय

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के प्रो. धनंजय कुमार कहते हैं कि आत्मनियंत्रण में कमी की वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। समाज में तेजी से हो रही बदलावों का लोगों की मन:स्थिति पर गहरा असर पड़ा है। लोगों की सहनशक्ति में कमजोर पड़ गई है। यही वजह है कि पहले जहां छोटी चीजों को लोग नजरअंदाज कर देते थे, लेकिन अब छोटी-छोटी बात पर आक्रामक हो जाते हैं। पहले व्यक्ति पर सामुदायिक नियंत्रण रहता था। जिससे इस तरह की घटनाएं भी नियंत्रित रहती थीं। वर्तमान समय में सामुदायिक नियंत्रण जैसी कोई बात ही नहीं रह गई है। जिसके चलते इस तरह की समस्याएं खड़ी हो रही हैं।

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