गोरखपुर के कोर्ट में कोरोना काल से लेकर अब तक सबसे ज्‍यादा विवादों का निपटारा, बनाया रेकार्ड

गोरखपुर सदर के एसडीएम के रूप में कार्यरत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल ने अन्य जिम्मेदारियों के साथ विवादों के निपटारे को भी प्राथमिकता दी। 15 फरवरी तक करीब 40 दिन न्यायालय संचालित हुआ और इस दौरान 380 से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 02:10 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 07:44 PM (IST)
गोरखपुर के कोर्ट में कोरोना काल से लेकर अब तक सबसे ज्‍यादा विवादों का निपटारा, बनाया रेकार्ड
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई रही हो या अलग-अलग महोत्सवों के आयोजन में भागीदारी की बात, सदर तहसील पर जिम्मेदारियां सबसे ज्यादा थीं। पर, लोगों के विवाद सुलझाने के मार्ग में इस व्यस्तता का कोई असर नहीं पड़ा। अनलाक के बाद जब कोर्ट लगाने की अनुमति मिली तो जिले के कुछ तहसीलों में अधिकारी अधिकतर दिन कोर्ट से दूर नजर आए लेकिन इसके विपरीत सदर एसडीएम की कोर्ट सबसे अधिक दिन लगी और विवादों का निपटारा भी हुआ।

नवंबर 2020 से जिले में राजस्व से जुड़े न्यायालयों को चलाने की अनुमति मिली थी। इस दौरान कोरोना संक्रमण के खिलाफ छिड़ी लड़ाई की कामयाबी धीरे-धीरे सामने आने लगी थी। कोरोना काल में लंबे समय तक कोर्ट संचालन की अनुमति न होने से लोगों के वादों का निपटारा नहीं हो पा रहा था। ऐसे में जब कोर्ट खुली तो लोगों की उम्मीदें भी बढऩे लगीं। गोरखपुर सदर के एसडीएम के रूप में कार्यरत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल ने अन्य जिम्मेदारियों के साथ विवादों के निपटारे को भी प्राथमिकता दी। 15 फरवरी तक करीब 40 दिन न्यायालय संचालित हुआ और इस दौरान 380 से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया।

दूसरा स्‍थान गोला का

दूसरा स्थान गोला तहसील का रहा। यहां एसडीएम कोर्ट 27 दिन लगी और करीब 233 मामलों का निस्तारण किया गया। बांसगांव तहसील में भी अनलाक के बाद कोर्ट लगाने का प्रयास हुआ। यहां 25 दिनों तक उप जिला मजिस्ट्रेट का न्यायालय संचालित हुआ और करीब 146 मामलों का निस्तारण भी किया गया। सहजनवां में एसडीएम की कोर्ट 19 दिनों तक लगी। यहां 223 लोगों को विवाद से मुक्ति मिल गई। खजनी तहसील में एसडीएम 18 दिनों तक कोर्ट में बैठे और इस दौरान करीब 90 मामलों का निस्तारण किया। चौरी चौरा में मात्र 11 दिन ही कोर्ट लगायी गई। यहां 52 मामलों को निस्तारित किया गया। सबसे खराब स्थिति कैंपियरगंज तहसील की रही। यहां 10 दिनों तक न्यायालय संचालित हुआ और 129 मामलों को निस्तारित किया गया। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि कोशिश है कि पांच साल से पुराने मामलों का जल्द से जल्द निपटारा हो जाए। इसी को देखते हुए कई तहसीलों में सहायक एसडीएम एवं एसडीएम न्यायिक को भी तैनात किया गया है। लोगों की सुविधा को प्राथमिकता पर रखते हुए सभी तहसीलों को निर्देश दिया गया है कि कोर्ट का संचालन नियमानुसार जरूर हो।

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