राखी हत्याकांड : फर्जी निकला डाक्टर के नेपाल जाने का परमिट, बढ़ाई गई जालसाजी की धारा

गोरखपुर की राखी हत्याकांड के डॉ. डीपी सिंह का नेपाल जाने का परमिट फर्जी निकला। अब उस पर पुलिस ने जालसाजी की धारा बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 05:21 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 05:21 PM (IST)
राखी हत्याकांड : फर्जी निकला डाक्टर के नेपाल जाने का परमिट, बढ़ाई गई जालसाजी की धारा
राखी हत्याकांड : फर्जी निकला डाक्टर के नेपाल जाने का परमिट, बढ़ाई गई जालसाजी की धारा

गोरखपुर, जेएनएन। राखी हत्याकांड के मुख्य आरोपित डॉ. डीपी सिंह पर पुलिस ने जालसाजी की धारा बढ़ा दी है। जांच में नेपाल आने-जाने का परमिट (भंसार)फर्जी निकला है। वहीं हत्या का तानाबाना बुनने वाले अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है।

गोरखपुर शहर के कैंट थाना क्षेत्र के बिलंदपुर की रहने वाली राखी श्रीवास्तव का आर्यन अस्पताल के संचालक डॉक्टर डीपी सिंह से प्रेम संबंध था। 4 जून 2018 को नेपाल के पोखरा में राखी की हत्या कर दी गई। शराब और नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उसे पहाड़ से नीचे धक्का दे दिया गया। उसके बाद राखी के पति की शिकायत के बाद यह मामला एसटीएफ के हवाले कर दिया गया। लंबी जांच के बाद 21 दिसंबर को आइजी एसटीएफ अमिताभ यश ने घटना का पर्दाफाश कर दिया।

उन्होंने बताया था कि डॉक्टर डीपी सिंह ने अपने दो साथियों प्रमोद सिंह और देशदीपक निषाद के साथ मिलकर राखी की हत्या की थी। इसके अलावा घटना में कई अन्य लोग भी शामिल थे। जिनकी गिरफ्तारी होनी शेष है। शाहपुर पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। अब तक की तफ्तीश में साजिशकर्ताओं का नाम सामने नहीं आ पाया है। नेपाल जाने और आने का परमिट (भंसार) फर्जी मिलने पर पुलिस ने डॉक्टर डीपी सिंह के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने की धारा बढ़ा दी है। सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह ने बताया कि राखी हत्याकांड की विवेचना अंतिम दौर में है। विवेचक जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में पेश करेंगे। इससे पहले मामले का पूरी तरह से पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पूरे प्रकरण में हत्या के मुख्य आरोपित डा. डीपी सिंह ही इर्द-गिर्द हैं। डाक्टर डीपी सिंह वैसे भी शहर के बदनाम डाक्टरों में गिना जाता है।

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