बकाये का जल्द भुगतान, छोटी-छोटी समस्याओं के लिए उद्यमियों को नहीं लगाने पड़ेंगे चक्‍कर Gorakhpur News

सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंडलीय फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है। इससे उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण में आसानी होगी। भुगतान से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए उद्यमियों को शासन में जाने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 01:10 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 01:10 PM (IST)
बकाये का जल्द भुगतान, छोटी-छोटी समस्याओं के लिए उद्यमियों को नहीं लगाने पड़ेंगे चक्‍कर  Gorakhpur News
(एमएसएमई) को सुविधा देने के लिए मंडलीय फैसिलिटेशन काउंसिल का हुआ गठन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंडलीय फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है। इससे उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण में आसानी होगी। भुगतान से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए उद्यमियों को शासन में जाने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा। एमएसएमई के सामने भुगतान से जुड़ी समस्या आम होती है।

भुगतान फंसा होने के कारण क्रियाशील पूंजी पर भी पड़ता है असर

भुगतान फंसा होने के कारण क्रियाशील पूंजी पर भी  असर पड़ता है। इन्हीं समस्याओं के निराकरण के लिए गठित इस कमेटी का अध्यक्ष मंडलायुक्त को बनाया गया है। संयुक्त आयुक्त उद्योग इसके सचिव हैं। उद्यमियों की संस्था लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि को इसका सदस्य बनाया गया है। इसमें जिले के लीड बैंक मैनेजर को भी शामिल किया गया है।

यह मिलेगी सुविधा

काउंसिल को एमएसएमई विकास अधिनियम 2006 के तहत शक्तियां प्राप्त हैं। काउंसिल बकाया भुगतान की वसूली के लिए जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से वसूली प्रमाण पत्र जारी करा सकती है। जारी वसूली प्रमाण पत्रों को जिला मजिस्ट्रेट द्वारा भू राजस्व बकाये के रूप में वसूल किया जाएगा। संयुक्त आयुक्त उद्योग के कार्यालय में इस संबंध में एक रजिस्टर रखा जाएगा।

दर्ज किया जाएगा फैसिलिटेशन काउंसिल को मिलने वाले सभी प्रार्थना पत्रों का विवरण

यहां फैसिलिटेशन काउंसिल को प्राप्त होने वाले सभी प्रार्थना पत्रों का विवरण दर्ज किया जाएगा। प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए मंडलायुक्त द्वारा तिथि दी जाएगी।

पैसा रोक लेने पर अपना उद्योग चलाने में उद्यमी को आती थी दिक्‍कत

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष दीपक कारीवाल ने बताया कि व्यापारी किसी उद्यमी का पैसा रोक लेता था तो उसे अपना उद्योग चलाने में दिक्कत आती थी। भुगतान रुकने से पूंजी फंस जाती है। कोर्ट से निर्णय आने में देर हो जाती थी। फैसिलिटेशन काउंसिल बना दिए जाने से बहुत सुविधा होगी।

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