सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने 'पात्र देवता' बन की सुनवाई, नाथ योगियों एवं औघड़ों को दिए उपहार Gorakhpur News

गोरक्षपीठाधीश्वर व सीएम योगी आदित्यनाथ विजयादशमी पर गोरखपुर में पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित हुए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 12:10 PM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2019 08:48 AM (IST)
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने 'पात्र देवता' बन की सुनवाई, नाथ योगियों एवं औघड़ों को दिए उपहार Gorakhpur News
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने 'पात्र देवता' बन की सुनवाई, नाथ योगियों एवं औघड़ों को दिए उपहार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नाथ संप्रदाय की पीठ गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर सीएम योगी आदित्यनाथ विजयादशमी पर पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित हुए। मंदिर स्थित तिलक हॉल में देर रात विशेष परिधान से सुसज्जित योगी आदित्यनाथ की नाथ संप्रदाय के नाथ और औघड़ योगियों ने विशेष पूजा की। पवित्री के साथ तीन बार नाथ संप्रदाय की परंपरानुसार आदेश की प्रक्रिया पूर्ण कर प्रणाम किया।

शिकायतों की सुनवाई की

मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, योगी सूरजनाथ, योगी प्रेमनाथ, योगी रामेंद्र नाथ, योगी रुद्रनाथ, योगी रामनाथ, योगी शांति नाथ, योगी मनोज नाथ समेत नाथ संप्रदाय से जुड़े सभी साधु-संत व पुजारियों ने मिल कर मुख्य मंदिर में उनकी पात्र पूजा कर दक्षिणा अर्पित की।

पात्र पूजा के दौरान गोरक्षपीठाधीश्वर ने 80 की संख्या में मौजूद नाथ संप्रदाय के योगियों, औघड़ साधु-संतों को अचला और दक्षिणा भेंट स्वरूप प्रदान किए। पात्र देवता के रूप में गोरक्षपीठाधीश्वर ने कुछ शिकायतों की सुनवाई भी की। लेकिन स्वयं त्रुटि स्वीकार कर क्षमा याचना पर उदार ह्दय गोरक्षपीठाधीश्वर ने दंड से माफी भी प्रदान की।

विपरीत परिस्थितियों में जीने की प्रेरणा देते हैं श्रीराम के आदर्श

इसके पूर्व दशहरा के परंपरागत आयोजन के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि रामायण की कथा हम सबको बड़ा संदेश देती है। त्रेता युग में रावण दुनिया भर के लिए आंतक का पर्याय था। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने 14 साल के वनवास के दौरान जो कल्याणकारी कार्य किए, उसका उन्हें फल मिला और रावण पर विजय हासिल की। रावण सिर्फ त्रेता युग में नहीं, बल्कि हर युग में होता है। समाज में रावण जैसे लोग विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न करते हैं। इससे घबराना नहीं चाहिए। ये विपरीत परिस्थितियां संयम न खोने और आगे बढऩे की प्रेरणा देती हैं।

अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 अक्तूबर को सरयू तट पर 5.51 लाख दीप जलाए जाएंगे। अयोध्या में इस बार छह देशों की रामलीला का मंचन होगा। इन देशों की भाषा भले ही अलग-अलग होगी लेकिन सभी के भाव एक होंगे। थाईलैंड में भगवान श्रीराम की मान्यता का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि वहां के राजा अपने को राम का वंशज मानते हैं। उन्होंने रामलीला के आयोजकों से कहा कि वह रामायण शोध संस्थान के लोगों से बात कर विदेश की रामलीला का गोरखपुर में मंचन कराएं। मुख्यमंत्री ने सभी को विजयादशमी की बधाई दी और भगवान राम के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की।

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