तीन दिन धार्मिक आयोजनों के बाद मुख्‍यमंत्री रवाना

नवरात्र में महानिशा की पूजा कन्‍या पूजन और विजय दशमी पर्व में शामिल होकर उन्‍होंने शहर के लोगों का उत्‍साह बढ़ाया। विजय दशमी पर श्रीराम का राज्‍याभिषेक करने के बाद उन्‍होंने कहा कि यह पर्व मर्यादा का है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 02:38 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 02:38 PM (IST)
तीन दिन धार्मिक आयोजनों के बाद मुख्‍यमंत्री रवाना
दशहरा पर्व पर संबोधित करते मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ।

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ शहर में तीन दिन तक धार्मिक आयोजन में शामिल होने के बाद सोमवार को लखनऊ के लिए रवाना हो गए। नवरात्र में महानिशा की पूजा, कन्‍या पूजन और विजय दशमी पर्व में शामिल होकर उन्‍होंने शहर के लोगों का उत्‍साह बढ़ाया। विजय दशमी पर श्रीराम का राज्‍याभिषेक करने के बाद उन्‍होंने कहा कि यह पर्व मर्यादा का है। मर्यादा का पालन करते हुए हम कोविड से भी जंग जीतेंगे।

अयोध्या से पूरे विश्व में फैली देश की कीर्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान अयोध्या में जन्मभूमि पर हो रहे भव्य राममंदिर निर्माण की चर्चा भी छेड़ी। कहा, 492 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद भव्य मंदिर का निर्माण संभव हो सका है और अयोध्या के माध्यम से देश की यश व कीर्ति पूरे विश्व में फैली है। इस चर्चा में उन्होंने राम मंदिर के लिए पीढ़ियों के संघर्ष को याद किया। साथ ही ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और अवेद्यनाथ की महती भूमिका की भी चर्चा की।

 उन्होंने श्रीराम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप की याद दिलाई और कहा कि उसी मर्यादा का पालन करके हम कोविड से जंग जीत सकते हैं और अपने सामान्य जन-जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड पर विजय पाने के लिए हमें ’दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी’ का पालन करना ही होगा क्योंकि हमें जान भी बचाना है और जहान भी। मानसरोवर रामलीला मैदान में रामलीला के मंचन की 100 वर्ष से चली परंपरा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस माध्यम से हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को सुरक्षित रहने में सफल हो सके हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह रामलीला के मंच को केवल वर्ष में एक बार होने वाली रामलीला तक न सिमटने दें, राष्ट्रीय पर्वों और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी इन मंचों से आयोजन का सिलसिला जारी रखें। मुख्यमंत्री ने रामलीला मंचों से भजनों की श्रृंखला शुरू करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि रामलीला के मंच से वर्ष में कम से कम चार से छह कार्यक्रम अवश्य होने चाहिए।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान जैसे स्थलों को सुरक्षित और संरक्षित करने की चर्चा भी छेड़ी। कहा कि आध्यात्मिक विरासतों को सुरक्षित करने का कार्य निरंतर चल रहा है। ऐसे में अब किसी ऐसे स्थल पर कब्जा करना संभव नहीं हो सकेगा। आध्यात्मिक विरासतें बुरी नजरों से बची रहेंगी। मुख्यमंत्री ने कोविड को देखते हुए दुर्गा पूजा को घरों के दायरे में रहकर मनाने को लेकर लोगों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसा करके हम पर्व की दिव्यता और भव्यता को भी कायम रखते हुए कोविड प्रोटोकाल का पालन भी कर सके हैं।

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