नाम आयुष्मान और बांट रहा सिर्फ तकलीफ, तीन मरीजों का आपरेशन लटका

आयुष्मान भारत योजना यहां दम तोड़ती नजर आ रही है। डाक्टरों की लापरवाही के चलते एक मरीज मेडिकल कालेज से निजी अस्पताल में चला गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Dec 2018 03:31 PM (IST) Updated:Sat, 22 Dec 2018 03:31 PM (IST)
नाम आयुष्मान और बांट रहा सिर्फ तकलीफ, तीन मरीजों का आपरेशन लटका
नाम आयुष्मान और बांट रहा सिर्फ तकलीफ, तीन मरीजों का आपरेशन लटका

गोरखपुर, जेएनएन। आयुष्मान भारत योजना को लेकर केंद्र सरकार की मंशा बीआरडी मेडिकल कॉलेज में धराशायी हो रही है। इसकी वजह कॉलेज प्रशासन की लापरवाही है। लापरवाही और अनदेखी इतनी कि एक मरीज को निजी अस्पताल में जाना पड़ा जबकि दो मरीज अभी डाक्टरों का चक्कर लगा रहे हैं।

ऐसी ही एक लापरवाही आर्थो सर्जरी में लगने वाले इम्पलांट का टेंडर न होने पाने के चलते सामने आई है। इसकी वजह से मरीजों का ऑपरेशन लटका पड़ा है। इस योजना से मदद न मिलने पर दुखी एक मरीज ने निजी अस्पताल की राह पकड़ ली है।

एक नवम्बर, 2018 से आयुष्मान भारत योजना का लाभ मेडिकल कॉलेज में मिलना शुरू हुआ है। इसके लिए बकायदा तीन आयुष्मान मित्र बनाए गए है। आयुष्मान मित्र गोल्डेन कार्ड बनाते हैं, जिसके आधार पर योजना के तहत इलाज संभव होता है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमाशंकर शुक्ल इस योजना के नोडल अधिकारी हैं। इतनी व्यवस्था के बाद भी आर्थो सर्जरी विभाग में भर्ती आयुष्मान योजना के तीन लाभार्थियों का इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। गोरखपुर के गोला क्षेत्र के ग्राम चिकनिया निवासी अभिषेक पांडेय की हालत ऑपरेशन न होने के चलते बिगड़ने लगी तो परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल में चले गए। अन्य मरीज जीते और प्रभुनाथ के परिजन ऑपरेशन के लिए मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैँ।

इस बाबत प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि सभी विभागों और प्रमुख चिकित्साध्यक्ष को आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता देने का लिखित आदेश जारी किया किया गया है। जहां तक आर्थो सर्जरी विभाग में इम्प्लांट की खरीदारी का मामला है तो यह कार्य जल्द कर लिया जाएगा।

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