Coronavirus: कंटेनमेंट जोन में नवजातों की देखभाल फोन से करेंगी आशा कार्यकर्ता Gorakhpur News

वह मां और परिवार को केवल स्तनपान कपड़े में लपेट कर कंगारू मदर केयर के बारे में सलाह देंगी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 05:08 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 05:08 PM (IST)
Coronavirus: कंटेनमेंट जोन में नवजातों की देखभाल फोन से करेंगी आशा कार्यकर्ता Gorakhpur News
Coronavirus: कंटेनमेंट जोन में नवजातों की देखभाल फोन से करेंगी आशा कार्यकर्ता Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कंटेन्मेंट जोन में निवास करने वाले नवजात शिशुओं का गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) फॉलोअप आशा कार्यकर्ताओं द्वारा फोन के माध्यम से किया जायेगा। यह निर्देश परिवार कल्याण महानिदेशक डा. मिथलेश चतुर्वेदी ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर दिए हैं | मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी ने पत्र की पुष्टि की है।

घर जाकर आशा कार्यकर्ता देंगी परामर्श

पत्र में कहा गया है कि फोन के मध्यम से फॉलोअप में आशा स्वयं कम वजन वाले या समय से पूर्व जन्मे बच्चों या सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) से डिस्चार्ज हुए बच्चों या घरेलू प्रसव को प्राथमिकता देते हुए सभी नवजात शिशुओं के परिवारों को परामर्श देंगी। वह शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती, बेहोशी, छूने पर ठंडा-गर्म, स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी। यदि प्रसव अस्पताल में हुआ है तो जन्म के समय बच्चे के वजन के बारे में भी पूछेंगी | इस दौरान वह मां और परिवार को प्रसव के बाद महिला व शिशु में होने वाले खतरे के लक्षणों के बारे में बतायेंगी। इस बात का आंकलन करेंगी कि नवजात को संदर्भन की जरूरत तो नहीं है। वह मां और परिवार को केवल स्तनपान, कपड़े में लपेट कर कंगारू मदर केयर के बारे में सलाह देंगी। साथ ही यह भी सलाह देंगी कि यदि नवजात में किसी तरह के खतरे के लक्षण दिखें तो वह आशा और ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनजर ( बीसीपीएम) को सूचित करें। नॉन कंटेन्मेंट जोन में  एचबीएनसी  का गृह भ्रमण आशाओं द्वारा सामजिक दूरी रखते हुए किया जाएगा।  इस  दौरान वह मां और शिशु को नहीं छुएंगी।

जिले को कोरोना मुक्त करने के लिए टीम भावना से करें कार्य

मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कोरोना संक्रमण रोकने व मृत्यु दर न्यून करने की दिशा में हरसंभव प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जिले को कोरोना से मुक्त करने के लिए टीम भावना के साथ कार्य करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

एनेक्सी सभागार में कोरोना से संबंधित बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि एमओआइसी (प्रभारी चिकित्साधिकारी) पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। ब्लाक स्तर पर निगरानी समितियां भी सक्रियता से दायित्वों का निर्वहन करें। कहीं भी किसी को कोविड की संदिग्धता दिखे, तो उसकी तत्काल जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी सीएचसी व पीएचसी पर एमओआइसी कोविड मैनेजमेंट में पूर्ण सहयोग करें। यदि कोई पॉजिटिव केस आता है, तो उसकी जांच की जाए। कहा कि संक्रमित व्यक्ति को रेफर कर देना ही एमओआइसी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उसकी जांच करते हुए रेफर करें। पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्कों की तलाश की जाए। जिस सीएचसी व पीएचसी पर अधिक पॉजिटिव केस हैं, वहां जांच की संख्या बढ़ाई जाए। आशा व एएनएम प्रतिदिन कम से कम 20 से 25 घरों की निगरानी करें। निजी अस्पतालों में भी ट्रूनेट मशीन लगाने का निर्देश देते हुए सीएमओ से कहा कि एंबुलेंस नियत समय पर मरीज को सेवाएं प्रदान करें, विलंब की स्थिति में उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि कोविड-19 के मरीजों की जांच के लिए रैपिड एक्शन टीम का गठन किया गया है। 10 टीमें शहरी क्षेत्र व 10 टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में लगाई गई हैं। रैपिड टीम से डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है।

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