झोपड़ी की आग में जिदा जले तीन बच्चे, दंपती झुलसा

लहुआर गांव स्थित ईट-भट्ठे पर बुधवार की देर रात झोपड़ी में लगी आग से झुलसकर पूजा (13) चंद्रिका (7) व डमरू (4) की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 10:55 PM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 10:55 PM (IST)
झोपड़ी की आग में जिदा जले तीन बच्चे, दंपती झुलसा
झोपड़ी की आग में जिदा जले तीन बच्चे, दंपती झुलसा

जागरण संवाददाता, जमानियां (गाजीपुर) : थाना क्षेत्र के लहुआर गांव स्थित ईट-भट्ठे पर बुधवार की देर रात झोपड़ी में लगी आग से झुलसकर पूजा (13), चंद्रिका (7) व डमरू (4) की मौत हो गई। वहीं, मां भागीरथी वाराणसी अस्पताल में जीवन की जंग लड़ रही है, जबकि पिता बबलू वनवासी मामूली रूप से झुलसा है। पुलिस ने तीनों बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

चंदौली के शहर कोतवाली के दिग्घी गांव निवासी बबलू वनवासी पत्नी भागीरथी व तीन बच्चों संग भट्ठा पर ईंट की पथाई का कार्य करता था। काम समाप्त होने पर बुधवार की रात में खाना खाने के बाद बबलू परिवार संग भट्टा परिसर स्थित झोपड़ी में रोज की तरह एक किनारे जली अंगीठी रखकर नीचे पुआल पर पड़े बिस्तर पर सो गया। रात करीब एक बजे अंगीठी की आग बिस्तर से होते हुए झोपड़ी तक पहुंच गई। आग की लपटें देख बबलू झोपड़ी से बाहर निकलकर चीखने-चिल्लाने लगा। बगल की झोपड़ी में सोए बबलू का साला नंदू व अन्य लोग मौके पर पहुंचे और हैंडपंप से पानी लेकर आग को बुझाने लगे। इस दौरान पत्नी भागीरथी व चार वर्षीय पुत्र डमरू को बबलू झुलसे हाल में बाहर निकालने में कामयाब रहा, लेकिन पूजा व चंद्रिका दम तोड़ चुके थे। जानकारी मिलते ही भट्ठा मालिक झुलसे दंपती व बच्चे को दिलदारनगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उन्हें बीएचयू वाराणसी के लिए रेफर कर दिया, जहां उपचार के दौरान गुरुवार की सुबह डमरू ने भी दम तोड़ दिया। दोपहर बाद क्षेत्राधिकारी हितेंद्र कृष्ण, तहसीलदार आलोक कुमार व कोतवाल राजीव कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उधर, इस घटना के बाद अधिकतर मजदूर घर निकल लिए।

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