जिले के 110 परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस

जासं, गाजीपुर : स्मार्ट क्लास से परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी कांवेंट स्कूलों की तरह स्मार्ट बन रहे हैं। मनोरंजन के साथ ही उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ रही है। बेसिक शिक्षा विभाग व शिक्षकों के व्यक्तिगत सहयोग से प्रोजेक्टर लगाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 06:05 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 06:05 PM (IST)
जिले के 110 परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस
जिले के 110 परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस

जासं, गाजीपुर : स्मार्ट क्लास से परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी कांवेंट स्कूलों की तरह स्मार्ट बन रहे हैं। मनोरंजन के साथ ही उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ रही है। बेसिक शिक्षा विभाग व शिक्षकों के व्यक्तिगत सहयोग से प्रोजेक्टर लगाए जा रहे हैं। जिले में अब तक 110 स्मार्ट स्कूल शुरू किए जा चुके हैं। यहां बच्चे अब आधुनिक टेक्नोलाजी के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। इससे बच्चों की स्कूल में उपस्थित भी बढ़ने लगी है। ऐसे होती है पढ़ाई

- स्मार्ट क्लास में प्रोजेक्टर पर बच्चों को गणित व विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। यू-ट्यूब चैनल पर मौजूद इन विषयों से जुड़े आकर्षक वीडियो प्रोजेक्टर पर दिखाए जाते हैं। बड़ी स्क्रीन पर कार्टून फिल्म के रूप में वीडियो देखना बच्चों को काफी भाता है और उससे वे काफी कुछ सीखते भी हैं। कक्षा चार व पांच तथा उसके ऊपर की कक्षाओं से जुड़े वीडियो एनसीईआरटी व एससीईआरटी द्वारा तैयार किए जाते हैं, उसे भी बच्चों को दिखाया जाता है। इसके साथ ही शिक्षक अपने प्रोजेक्ट बनाकर भी बच्चों को पढ़ाते हैं। बच्चे भी प्रोजेक्टर पर आकर हाथ से इशारा कर मात्रा, फलों के नाम, अक्षरों की मिलावट आदि पढ़ते हैं। अपने यहां स्मार्ट क्लास शुरू करने की तैयारी करने वालीं प्राथमिक विद्यालय सिधौना की सहायक अध्यापक प्रियंका यादव ने बताया कि इससे बच्चों को आधुनिक टेक्नोलाजी के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इससे वह किसी भी विषय को आसानी से समझ सकेंगे और यह उबाऊ भी नहीं होगा।

----- शिक्षक अपने प्रयास से कर रहे व्यवस्था

- स्मार्ट क्लास बनाने के लिए प्रोजेक्टर के साथ लैपटॉप, कंप्यूटर, म्यूजिक सिस्टम व ¨प्रटर आदि की व्यवस्था भी करनी पड़ती है। बेहतर प्रोजेक्टर को लगाने में 55 से 60 हजार रुपये खर्च होता है। कई विद्यालयों में शिक्षकों ने अपने प्रयासों से प्रोजेक्टर की व्यवस्था की है तो कहीं विभाग भी सहयोग कर रहा है।

------- शिक्षकों को किया जा रहा प्रोत्साहित

- स्मार्ट क्लास चलाने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रोजेक्टर आदि के लिए विभाग भी कुछ सहयोग कर रहा है और कुछ शिक्षक अपने स्तर से व्यवस्था कर रहे हैं। फिलहाल 110 स्मार्ट स्कूल संचालित हो रहे हैं। एक महीने में 150 की संख्या हो जाएगी। इसे एक हजार तक ले जाने का लक्ष्य है। - श्रवण कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।

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