करंट की चपेट में आने से किसान की मौत

जागरण संवाददाता, कासिमाबाद (गाजीपुर): बरेसर के अलावलपुर अफगा गांव में गुरुवार की सुबह हाइटेंशन त

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST)
करंट की चपेट में आने से किसान की मौत
करंट की चपेट में आने से किसान की मौत

जागरण संवाददाता, कासिमाबाद (गाजीपुर): बरेसर के अलावलपुर अफगा गांव में गुरुवार की सुबह हाइटेंशन तार की चपेट में आने से किसान कमला कुशवाहा (42) की मौत हो गई। किसान की मौत से घर में मातम छा गया। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दी।

किसान कमला कुशवाहा के खेत में बुधवार की शाम हाइटेंशन तार टूटकर गिर गया था। इसकी जानकारी ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के कर्मचारी को दी। मगर विभाग के कर्मचारी आपूर्ति ठप नहीं किए। तार टूटने की जानकारी किसान कमला को नहीं थी। वह सुबह ¨सचाई के लिए खेत में गए तो अचानक उनका पैर तार से स्पर्श हो गया। इससे वे झुलस गए। इसकी जानकारी आसपास के लोगों को हुई तो वे पहुंचे और लाठी-डंडे से किसी तरह तार को अलग किए। गंभीर रुप से झुलसे कमला कुशवाहा को उपचार के लिए मऊ ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने बताया कि कमला कुशवाहा को एक पुत्र व एक पुत्री हैं। उनकी मौत से पत्नी कुसुम का रो-रोकर बुरा हाल है। कच्ची गृहस्थी होने के कारण किसान की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार को अब आर्थिक मदद की उम्मीद विभाग और सरकार से है। थानाध्यक्ष गौतम ¨सह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पूर्व में भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

जंगीपुर थाना क्षेत्र के मिट्ठापारा गांव में एक साल पूर्व खेत में टूटकर गिरे जर्जर विद्युत तार की चपेट में आने से किसान जोगेंद्र यादव की मौत हो गई थी। तब ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। इसके पूर्व वर्ष 2012 में तुर्कवलिया गांव स्थित खेत में धान की रोपाई करते समय मिट्ठापारा गांव निवासी किसान केदार यादव के सिर में टूटकर लटकता तार स्पर्श कर गया। अससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस शव को कब्जे में लेने का प्रयास की तो ग्रामीणों ने रोक दिया। वे मौके पर बिजली विभाग के अधिकारी को बुलाने की मांग करने लगे। बिजली विभाग के अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीण उन्हें बंधक बना लिए। हालांकि एसडीएम मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाए तो वह मान गए।

विभाग नहीं देता ध्यान

ग्रामीण इलाकों में एक बार तार खींच देने के बाद कभी विभाग उनके रख रखाव पर ध्यान नहीं देता। तार टूट जाने पर ग्रामीण सूचना देते हैं तो एक या दो दिन बाद पहुंचकर लाइनमैन उसे जुगाड़ के सहारे फिर टांग देते हैं। कभी कभी तो सूचना देने पर भी आपूर्ति नहीं रोकी जाती। वर्षों पहले खींचे गए तार अब ढीले होकर लटक गए हैं। यह तार न केवल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न करते हैं बल्कि आम लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होते हैं। गर्मी के दिनों के आगजनी के प्रमुख कारण ऐसे ही तार बनते हैं। तार के साथ कई इलाकों में खंभे भी लटक या एक तरफ झुक गए हैं।

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