संशोधित : पूर्व प्रधानाचार्या सुधा रानी का कोरोना से निधन, 2016 में मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार

जागरण संवाददाता गाजियाबाद राजकीय कन्या इंटर कालेज की पूर्व प्रधानाचार्या सुधा रानी कटियार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 09:52 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:52 PM (IST)
संशोधित : पूर्व प्रधानाचार्या सुधा रानी का कोरोना से निधन, 2016 में मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार
संशोधित : पूर्व प्रधानाचार्या सुधा रानी का कोरोना से निधन, 2016 में मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : राजकीय कन्या इंटर कालेज की पूर्व प्रधानाचार्या सुधा रानी कटियार का बुधवार सुबह कोरोना के चलते निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थी। तीस अप्रैल को वह विद्यालय में प्रधानाचार्या के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं।

सुधा रानी को 2015 में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया था और 2016 में राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त किया था। वह विद्यालय में 1996 से प्रधानाचार्य के पद पर तैनात थीं। इससे पहले वह 1981-88 तक रसायन विज्ञान की प्रवक्ता रही थीं। वह 1988 से 1996 तक वह सहारनपुर के राजकीय विद्यालय में प्रधानाचार्य रही थीं। सुधारानी ने रसायन विज्ञान में एमएससी, एमएड किया था। वर्ष 2004 और 2006 में बाल भवन में आयोजित प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी किया था। मार्च में महिला कल्याण विभाग द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें महिला दिवस पर हिदी भवन स्थिति कार्यक्रम में सम्मानित किया था।

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शिक्षा के क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति

राजकीय कन्या इंटर कालेज विजय की प्रधानाचार्या सुधा रानी कटियार तीस अप्रैल को रिटायर हुई थीं। उन्हें 2016 में राष्ट्रपति सम्मान मिला था। साथ ही उन्हें पांच साल एक्सटेंशन के मिले थे। आज विद्यालय में दो स्ट्रीम में करीब पांच हजार छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। 25 साल तक लंबे समय तक उन्होंने विद्यालय में सेवाएं दीं और राज्य का नंबर वन स्कूल का दर्जा बनाया। विद्यालय में प्रशासनिक नियंत्रण बहुत ही अच्छा था। जो उत्तरदायित्व सौंपा सभी बेहतर तरीके से समय से पहले पूरे किए। विद्यालयों में विभिन्न गतिविधियों परीक्षाओं आदि को लेकर सभी बैठक उनके विद्यालय में होती थीं। उनके विद्यालय की प्रदेश में एक अलग पहचान थी। पूरे मंडल में तो है ही नहीं पूरे प्रदेश में सुधा रानी जैसी प्रधानाचार्या होनी मुश्किल है। शिक्षा के क्षेत्र में गाजियाबाद के लिए अपूर्णीय क्षति है।

- रवि दत्त शर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक पेड़ के नीचे पढ़ाने से की थी शुरुआत

सुधा रानी कटियार ने शुरुआत में स्कूल की बिल्डिंग न होने पर पेड़ के नीचे कक्षाएं लगाकर पढ़ाना शुरु किया था। वर्ष 2002 में स्कूल की बिल्डिग बनकर तैयार हुई। तब तक बच्चों की संख्या 150 पहुंच गई थी। उस समय उनका सपना था कि उनका सरकारी स्कूल किसी पब्लिक स्कूल से कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्कूल में रहकर अपनी मेहनत के दम पर सपना साकार किया। स्कूल की बेहतर बिल्डिंग होने के साथ स्कूल का बोर्ड परीक्षा परिणाम टाप टेन में रहता है और स्कूल में करीब पांच हजार छात्राओं के दाखिले हैं।

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सुधा रानी कटियार तीस अप्रैल को रिटायर हुई थीं। अस्पताल में होने की वजह से वह उस समय पर स्कूल में मौजूद नहीं रह सकी थीं। उनके स्वस्थ होने पर सभी ने उन्हें धूमधाम से स्कूल से विदाई देने के लिए सोचा था। लेकिन सोचा नहीं था कि इस तरह वह दुनिया से विदा ले लेंगी। उनका निधन शिक्षा के क्षेत्र में एक अपूर्णीय क्षति है। उनका स्कूल के लिए एक अलग समर्पण और योगदान था। उनका योगदान विद्यालय हमेशा याद रखेगा।

- मीनाक्षी गुप्ता, कार्यवाहक प्रधानाचार्या, जीजीआइसी विजय नगर

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