नहीं मानी हार, चाय विक्रेता के साथ ट्रक परिचालक भी बने रामराज

जासं साहिबाबाद लॉकडाउन के दौरान रोजी रोटी का संकट होने पर भी एक चाय विक्रेता ने ह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Jun 2020 09:43 PM (IST) Updated:Tue, 09 Jun 2020 09:43 PM (IST)
नहीं मानी हार, चाय विक्रेता के साथ ट्रक परिचालक भी बने रामराज
नहीं मानी हार, चाय विक्रेता के साथ ट्रक परिचालक भी बने रामराज

जासं, साहिबाबाद: लॉकडाउन के दौरान रोजी रोटी का संकट होने पर भी एक चाय विक्रेता ने हार नहीं मानी। वह वसुंधरा को छोड़कर अपने गांव वापस नहीं लौटे। लॉकडाउन में ही उन्होंने दूसरा काम ढूंढ लिया, अब वह चाय विक्रेता के साथ ट्रक परिचालक भी बन गए हैं। दिन में चाय बेचते हैं, रात में ट्रक पर चलते हैं। जिससे की परिवार के लिए राशन-पानी का बंदोबस्त कर सकें, उनके इस प्रयास की आसपास के लोग सराहना भी कर रहे हैं।

यूपी के भदोही के रहने वाले रामराज ने बताया कि वह 15 साल से अधिक समय से वसुंधरा सेक्टर-7 में परिवार के साथ रहते हैं। चाय बनाकर बेचते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण दुकान पर ग्राहक इक्का-दुक्का ही आते थे। घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। परिवार में पत्नी, भाई और दो बच्चे हैं। सबको परेशानी होने लगी, कुछ दिन सामाजिक संस्थाओं से मदद मांगकर काम चलाया, लेकिन जब हालात बदतर हो गए तो काम की तलाश शुरू कर दी। एक ट्रक चालक ने उनको अपने साथ काम पर रख लिया अब वह रोजाना रात में ट्रक चालक के साथ दिल्ली जाते हैं, ट्रक में भवन निर्माण सामग्री लादकर लाते हैं। इसकी वजह से परेशानी कुछ हद तक दूर हो गई है। चाय की दुकान पर अभी भी ग्राहक कम आ रहे हैं, ऐसे में वह दिन में कुछ देर तक ही दुकान पर बैठते हैं। इसके बाद नींद पूरी कर वापस रात को ड्यूटी पर चले जाते हैं। रामराज के भाई मंजे ने बताया कि वह भी भाई का हाथ बंटाते हैं, जिससे की परिवार को वसुंधरा से वापस न जाना पड़े, क्योंकि गांव में रोजगार नहीं है। बच्चे भी पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। गांव जाकर जीवनयापन करना और कठिन हो जाएगा।

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