राहत के बाद दिखा गंगा दशहरा पर्व का उत्साह

द्दड्डठ्ठद्दड्ड ष्ठह्वह्यह्यद्गद्धह्मड्ड द्घद्गह्यह्लद्ब1ड्डद्य द्गठ्ठह्लद्धह्वह्यद्बड्डह्यद्व ड्डद्घह्लद्गह्म ह्मद्गद्यद्बद्गद्घ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 11:20 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 06:07 AM (IST)
राहत के बाद दिखा गंगा दशहरा पर्व का उत्साह
राहत के बाद दिखा गंगा दशहरा पर्व का उत्साह

संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद: कोरोना काल में तीज त्योहार मनाने का तरीका बदल गया है। मंदिरों के पट होने से प्रत्येक त्यौहार घरों पर ही सादगी से मनाया जा रहा है, लेकिन सोमवार को श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ गंगा दशहरा पर्व मनाया। भोर होते ही कुछ श्रद्धालु यमुना के घाट और नहरों पर पहुंच गए तो कुछ ने घर पर ही स्नान कर गंगा मैया की पूजा की। उन्होंने कोरोना संक्रमण से मुक्ति दिलाने की कामना करते हुए गरीब और असहायों को दान किया।

कोरोना संक्रमण में पिछले 69 दिन से लॉक डाउन लागू है। मंदिरों के पट बंद है, तो सामूहिक रुप से धार्मिक कार्यक्रमों के साथ अन्य आयोजनों पर पाबंदी है। इस बीच सोमवार को दशहरा पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। गंगा दशहरा पर्व पर यमुना, गंगा और नहरों में स्नान कर दान करने की परंपरा है। इसलिए सुबह होते ही अधिकांश श्रद्धालुओं ने शंकरपुर घाट, सोफीशाह के अलावा शिकोहाबाद में दिखतौली पुल, बालाजी नहर पुल, स्टेशन रोड स्थित सिरसा नदी, डेम पुल, असुआ नहर, सिरसागंज की सिरसा नहर, जसराना की खडीत नहर, पटीकरा नहर, चौपला बंबा, टूंडला में अनवारा, रसूलाबाद, नियामतपुर घाट पर पहुंचकर स्नान किया। सुबह के समय खरबूज, तरबूज के साथ जलेबी दान करने का महत्व है। सुबह से ही महिलाएं पकवान बनाने में जुट गईं तो शहर से लेकर कस्बों में स्थित दुकानों तो कई स्थानों पर घरों से जलेबी बनने की महक आने लगी। तरबूज और खरबूज के साथ जलेबी की भी जमकर बिक्री हुई। वहीं हर ओर हर-हर गंगे के जयकारे गूंजने लगे। वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने घर पर स्नान कर पूजा की। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गंगा मैया की आराधना करते हुए गरीब, असहायों को जलेबी, तरबूज, खरबूज सहित अन्य खाद्य सामग्री दान की।

मंदिरों पर नहीं लगा मेला

फीरोजाबाद: गंगा दशहरा पर्व पर पसीने वाले हनुमान मंदिर, टीला वाले हनुमान मंदिर के साथ नया बास घाट पर हर साल मेला लगता था। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यमुना में स्नान करने के लिए जाते थे। वहीं जगह-जगह शर्बत और पूड़ी सब्जी का प्रसाद वितरण होता था, लेकिन इस बार यहां ऐसा नहीं हो सका। आसमान में नहीं दिखाई दी पतंग

फीरोजाबाद: दशहरा पर्व पर पतंग उड़ाई जाती हैं। हर साल सुबह से ही पतंग और मंजा की दुकानों पर भीड़ जुटना शुरू हो जाती थी तो आसमान में रंग बिरंगी पतंग अलग ही छटा बिखेरती थीं। लेकिन इस बार लॉक डाउन के कारण दुकानें बंद रहीं। इसलिए कुछ लोग ही पतंग उड़ा पाए।

chat bot
आपका साथी