अभिलेखों की मजबूती तय करेगी लस्टर का भविष्य

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय से मिले बंदी आदेश के बाद में लस्टर क

By Edited By: Publish:Wed, 28 Jan 2015 08:58 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jan 2015 08:58 PM (IST)
अभिलेखों की मजबूती तय करेगी लस्टर का भविष्य

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय से मिले बंदी आदेश के बाद में लस्टर की चूड़ी पर संकट के बादल गहरा रहे हैं। अभी तक सरकारी मोहलत के संरक्षण में चल रही लस्टर चूड़ी इकाइयों को हालांकि उद्यमियों की लखनऊ दौड़ में एक उम्मीद की किरण नजर आई है। उद्यमियों द्वारा रखे गए पक्ष के बाद में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विकल्प तैयार करने संबंधी प्रक्रिया के समस्त अभिलेख तलब किए हैं। हालांकि अंतिम फैसला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का होगा, लेकिन बंदी आदेश जारी होने के बाद भी उद्यमियों से प्रत्यावेदन मांगने से एक उम्मीद जगी है।

फीरोजाबाद में लस्टर चूड़ी पर लंबे अरसे से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कई माह पूर्व जारी बंदी आदेशों पर लस्टर प्रयोग को इस शर्त पर मोहलत मिल गई थी कि उद्यमी इस दरम्यान विकल्प तैयार कर लेंगे। उद्यमियों ने भी इस संबंध में आईआईटी कानपुर से संपर्क साधा। कानपुर के वैज्ञानिकों ने इस संबंध में फीरोजाबाद का भ्रमण किया तथा डिजाइन तैयार की। इसके बाद में उद्योग इस डिजाइन को धरातल पर उतारता, तब तक फिर से बंदी आदेश जारी हो गए। इससे लस्टर चूड़ी इकाइयों में खलबली मची हुई थी। इस संबंध में बुधवार को लस्टर चूड़ी इकाइयों की तरफ से मनोज मित्तल, मनीष मित्तल एवं अमित बंसल ने लखनऊ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से मिलकर अपना पक्ष रखा।

कानपुर आइआइटी से निरंतर होने वाले पत्राचार के ब्योरे के साथ में वहां से मिली डिजाइन आदि के संबंध में बताया। सूत्रों की माने तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा इस संबंध में उद्यमियों से कहा गया है कि वह लिखित में सभी अभिलेखों के साथ में अपनी बात रखें तो उस पर विचार होगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्यमियों की बात सुनने से एक उम्मीद की किरण जागी है। इस संबंध में लस्टर उद्यमियों से संपर्क करने का प्रयास किया तो उद्यमियों ने कहा बंदी आदेश मिले हैं। हम इस संबंध में लखनऊ में अपना पक्ष रख रहे हैं।

एमजीओ से मिल सकती है इन्हें राहत

अब तक एमजीओ (न्यूनतम गैस उपभोग का बिल भुगतान) की ¨चता से ग्रसित उद्यमियों को कुछ राहत मिली है। बंदी आदेश के बाद में उद्यमियों को ¨चता थी अगर लस्टर का प्रयोग बंद नहीं किया तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कारखाने बंद करा देगा। वहीं लस्टर का प्रयोग बंद करने पर गैस की खपत कम होगी, ऐसे में इस गैस पर एमजीओ देना होगा, लेकिन दिल्ली तक फोन मिलाने के बाद में उद्यमियों ने राहत की सांस ली है। उद्यमियों को एक धारा का पता चला है, जिसके तहत इस तरह की स्थिति (प्रशासनिक बंदी) में एमजीओ नहीं लगाया जाता है। उद्यमी उस धारा की जानकारी कर रहे हैं, ताकि अगर बोर्ड से राहत नहीं मिलती है तो इस धारा की बदौलत एमजीओ से तो बच सकें।

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