धान व तिल का बढ़ा क्षेत्र, लागत घटाने पर जोर

जागरण संवाददाता फतेहपुर किसानों की आय दूना करने के लिए खरीफ फसल में दलहनी व तिलह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Jun 2019 10:58 PM (IST) Updated:Sun, 02 Jun 2019 10:58 PM (IST)
धान व तिल का बढ़ा क्षेत्र, लागत घटाने पर जोर
धान व तिल का बढ़ा क्षेत्र, लागत घटाने पर जोर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : किसानों की आय दूना करने के लिए खरीफ फसल में दलहनी व तिलहनी फसलों के क्षेत्रफल में इजाफा कर लागत कम करने की रणनीति बनाई गई है। अच्छे उत्पादन के लिए नई प्रजाति के बीज के उपयोग के साथ धान की संकर व सुगंधित प्रजाति बासमती की बुआई का लक्ष्य तय कर दिया गया है। पिछले साल से 140 हेक्टेअर अधिक क्षेत्रफल में खरीफ की बुआई का लक्ष्य तय करते हुए इस बात पर जोर दिया गया है कि बुआई समय से कर ली जाए। जून माह के पहले सप्ताह में ही धान की नर्सरी तैयार करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए।

पिछले साल खरीफ में 1 लाख 38 हजार 941 हेक्टेअर क्षेत्रफल में फसलों का आच्छादन किया गया था, इस साल एक लाख 39 हजार हेक्टेअर बुआई के लक्ष्य में अकेले धान की फसल 84 हजार 994 हेक्टेअर की जाएगी। धान के क्षेत्रफल में लगभग एक हजार हेक्टेअर क्षेत्रफल का इजाफा किया गया है। केंद्र व प्रदेश सरकार के किसानों की आय दूना करने की मंशा को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि उन्नतिशील बीजों के प्रयोग के ग्राफ में बढ़ोत्तरी कर फसल में लगने वाली लागत कम की जाए। इसके लिए फसलों में रसायनिक की जगह वर्मी कंपोस्ट को बढ़ावा दिया जाए। वर्मी कंपोस्ट के गड्ढे तैयार कर किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जाए। दलहनी में अरहर, मूंग व उर्द व तिलहनी में तिल के आच्छादन को बढ़ाया जाए। बुंदेलखंड से जुड़े यमुना कटरी के गांवों में असिचित फसलों की खेती नए तकनीक के आधार पर कराई जाए। किसानों को तकनीक से दक्ष करने के लिए विशेष अभियान पर जोर दिया गया है। यमुना कटरी के गांवों में तिल की खेती पर जोर दिया गया है, पिछले साल की तुलना में इस बार तिल के क्षेत्रफल में दो हजार हेक्टेअर की बढ़ोत्तरी की गई है।

'इस साल खरीफ फसल में धान व तिल के क्षेत्रफल में इजाफा किया गया है। उत्पादन बढ़ाने के लिए नए बीज के साथ तकनीक किसानों तक पहुंचाने पर जोर दिया जाएगा '

बृजेश सिंह- जिला कृषिअधिकारी खरीफ गोष्ठी आज

जिला स्तरीय खरीफ गोष्ठी का आयोजन तीन जून को विकास भवन के सभागार सुबह साढ़े दस बजे से किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी चांदनी सिंह ने कहा कि गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा खरीफ फसलों की नवीनतम तकनीकी जानकारी किसानों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग हर विकास खंड से कम से कम पांच-पांच प्रगतिशील किसानों की उपस्थिति तय करें। फसल - क्षेत्रफल-2018 -क्षेत्रफल - 2019

धान बासमती - 300 हेक्टेअर - 3100 हेक्टेअर

धान संकर- 28000 हेक्टेअर - 30,000 हेक्टेअर

धान अन्य- 52026 हेक्टेअर -51894 हेक्टेअर

मक्का- 323 हेक्टेअर - 341 हेक्टेअर

ज्वार- 8626 हेक्टेअर - 5150 हेक्टेअर

बाजरा- 7410 हेक्टेअर- 8377 हेक्टेअर

उर्द - 7927 हेक्टेअर - 8487 हेक्टेअर

मूंग - 938 हेक्टेअर - 883 हेक्टेअर

अरहर- 20290 हेक्टेअर - 19092 हेक्टेअर

मूंगफली - 231 हेक्टेअर - 343 हेक्टेअर

तिल - 9540 हेक्टेअर - 11454 हेक्टेअर

कुल योग- 1,38,941 हेक्टेअर - 1,39,081 हेक्टेअर

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