रोती जिंदगी को 'सेहत' की मुस्कान
(प्रकरण-एक) एटा जिले के काशीपुर गांव की मुस्कान का बदन हड्डियों के ढांचे के रूप में
(प्रकरण-एक)
एटा जिले के काशीपुर गांव की मुस्कान का बदन हड्डियों के ढांचे के रूप में था, उसमें सांस तो थी पर हलचल नहीं। नौ माह की इस बच्ची का वजन महज 3.400 किलो था। विगत 10 अगस्त को पोषण पुनर्वास केंद्र में आई मुस्कान की जब 24 अगस्त 2018 को छुट्टी की गई तब तक उसका वजन 4.585 किलो हो चुका था। हड्डियों के ढांचे में मांस की परतें चढ़ी तो मुस्कान के चेहरे पर मुस्कान भी आ गई।
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जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मुस्कान तो महज एक उदाहरण है, ऐसे न जाने के कितने बच्चे हैं जिन्हें यहां पर इलाज के बाद नई ¨जदगी मिली। जिले के डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल का पोषण पुनर्वास केंद्र सेहत की एक नई इबारत लिख रहा है। यहां सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि आसपास के कई जनपदों के बच्चे स्वस्थ हो रहे हैं।
पोषण पुर्नवास केंद्र की डायटीशियन संगीता का कहना है कि आज जब फालोअप के दौरान मुस्कान को हंसता खेलता एवं स्वस्थ देखती हैं, तो बहुत अच्छा लगता है। यहां तैनात डॉ. विवेक सक्सेना ने बताया कि 01 अप्रैल 2018 से 31 अगस्त 2018 तक यहां 106 बच्चों को भर्ती किया गया था। इसमें से 84 बच्चों को स्वस्थ करके घर भेजा गया है। शेष बच्चों के अभिभावक बच्चे का इलाज बीच में ही छोड़कर चले गए।
केंद्र ओवरलोड, 10 बेड पर 19 बच्चे
पोषण पुर्नवास केंद्र इस वक्त ओवरलोड है। यहां पर केवल 10 बेड की ही सुविधा है। इस कारण एक समय में यहां पर केवल 10 बच्चों को ही भर्ती किया जा सकता है, लेकिन जब अधिक संख्या में बच्चे भर्ती होने के लिए आ जाते हैं तो उनको पास के ही दूसरे वार्ड में शिफ्ट करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां 19 बच्चे भर्ती हैं जिसमें से एक मैनपुरी और एक हरदोई जिले का रहने वाला है।