भट्ठा मजदूर के दो मासूम बच्चों की कुपोषण से मौत

अमृतपुर (फर्रुखाबाद), संवाद सहयोगी : क्षेत्र के गांव अलीगढ़ निवासी भट्ठा मजदूर गुड्डू के डेढ़ वर्षी

By Edited By: Publish:Sat, 27 Dec 2014 01:02 AM (IST) Updated:Sat, 27 Dec 2014 01:02 AM (IST)
भट्ठा मजदूर के दो मासूम 
बच्चों की कुपोषण से मौत

अमृतपुर (फर्रुखाबाद), संवाद सहयोगी : क्षेत्र के गांव अलीगढ़ निवासी भट्ठा मजदूर गुड्डू के डेढ़ वर्षीय पुत्र रिहान व दो माह की दुधमुंही पुत्री सावरिन की बीती रात कुपोषण व इलाज के अभाव में मौत हो गई। परिजनों ने शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराए बिना बच्चों के शवों को दफना दिया। रिहान को दो माह पूर्व डायरिया हो गया था। परिजनों ने उसका इलाज फर्रुखाबाद के एक नर्सिंगहोम में कराया था।

गुड्डू ने बताया कि गुरुवार को घर पर महिलाएं थीं, दोनों बच्चे धूप में चारपाई पर लेटे थे। वह मजदूरी करने गांव मोहद्दीनगर निवासी शीशपाल यादव के भट्ठे पर गया था। बच्चों की अचानक तबियत बिगड़ गई। परिजन कुछ समझ पाते कि आधा घंटे में दोनों बच्चों की मौत हो गई। जब वह घर पहुंचे तो चीत्कार मच गया। गांव के ही यूसुफ पटेल ने बताया कि रिहान व सावरिन बीमार नहीं थे। दोनों बच्चों की ठंड लगने से मौत होने की आशंका है।

एसडीएम लालजी मिश्रा ने बताया कि रिहान व सावरिन की कुपोषित होने से मौत हुई है। सीएमओ डा.राकेश कुमार ने दोनों बच्चों के शवों को देखा है। रिहान का कुपोषित होने का लोहिया अस्पताल में इलाज भी हुआ था। गुड्डू का परिवार एक कमरे में रहता है। उनके पास रजाई आदि गर्म कपड़े भी हैं। परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। कुपोषित बच्चों की मौत होने से परिजनों को सरकारी सहायता नहीं मिलती है।

सीएचसी राजेपुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.ओमप्रकाश ने बताया कि रिहान कुपोषित था। दो माह पूर्व उसका फर्रुखाबाद के एक नर्सिंगहोम में इलाज होता रहा। कुपोषित होने से उसका शरीर विकसित नहीं हो सका। सावरिन को सर्दी, जुकाम था। बच्चों का पिता गुड्डू भट्ठे पर मजदूरी करने गया था। घर की महिलाएं बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल नहीं ले गईं। कुपोषण व इलाज के अभाव में बच्चों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि बच्चे इलाज के लिए सीएचसी पर कभी नहीं लाए गए। दोनों बच्चों की सर्दी से मौत नहीं हुई है।

chat bot
आपका साथी