समुचित मुआवजा के लिए हनुमानजी को मांग पत्र

शाहनेवाजपुर माझा तिहुरा और माझा बरहटा के किसानों ने नवरात्र के प्रथम दिन शनिवार को शासन प्रशासन की सदबुद्धि के लिए हनुमान गढ़ी में हनुमंतलला के श्रीचरणों में प्रथम मांगपत्र सौंप कर आंदोलन की शुरुआत की.

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 12:15 AM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 12:15 AM (IST)
समुचित मुआवजा के लिए हनुमानजी को मांग पत्र
समुचित मुआवजा के लिए हनुमानजी को मांग पत्र

अयोध्या: शाहनेवाजपुर, माझा तिहुरा और माझा बरहटा के किसानों ने नवरात्र के प्रथम दिन शनिवार को शासन प्रशासन की सदबुद्धि के लिए हनुमान गढ़ी में हनुमंतलला के श्रीचरणों में प्रथम मांगपत्र सौंप कर आंदोलन की शुरुआत की। किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अखिलेश उर्फ श्यामजी दुबे ने बताया कि यह मांग पत्र हनुमंत लला के माध्यम से प्रभु श्रीराम तक पहुंचेगा। कहा कि हम रामकाज में बाधा नहीं बनेंगे, लेकिन अन्याय भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि लेकर व्यवसायिक नजरिए से यहां होटल, गेस्टहाउस और आवासीय कॉलोनियां बनाना चाहती है, लेकिन किसानों के लिए सरकार क्या कर रही है, यह नहीं बताया गया। बिना किसानों की जानकारी के प्रशासन ने धारा-28 का प्रकाशन करा दिया। नव्य अयोध्या के नाम पर अयोध्या के मूल निवासियों को उजाड़ा जा रहा है। प्रशासन एकतरफ कार्रवाई करता चला जा रहा है।

संयोजक शिवपूजन यादव ने कहा कि हम सभी किसान सरकार को तभी अपनी कृषि भूमि देंगे, जब जनौरा के तर्ज पर एक समान मुआवजा दिया जाएगा। सरकार कृषि भूमि व्यवसायिक ²ष्टिकोण से ले रही है तो मुआवजा भी वैसा होना चाहिए। अगर सरकार किसानों की 40 फीसदी भूमि को विकसित कर 60 फीसदी ही लेती है और उचित मुआवजा देती है तो हम किसान तैयार है, अन्यथा पीढि़यों से रह रहे हम किसान सरकार को अपनी जमीन कौड़ियों के भाव नहीं देंगे। अध्यक्ष दुबे ने कहा कि न्याय के लिए किसान नगर निगम के महापौर, सांसद, विधायकों को ज्ञापन देंगे। मांगें नहीं मांगी गई तो संघर्ष कि लिए तैयार हैं। हुनमंतलला को मांग पत्र सौंपने वालों में मोर्चा के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय, राजदेव यादव, हनुमान यादव, प्रकाशमणि त्रिपाठी, महामंत्री विजय बहादुर यादव, मंत्री सुरेश यादव, संयुक्त मंत्री नंगा प्रधान, राम अवतार, सोनू, जुग्गीलाल, राकेश पांडेय सहित विभिन्न मजरों के किसान शामिल रहे।

chat bot
आपका साथी