जागरूकता से ही आंखों की बीमारी से निजात संभव

उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के नेत्र रोग विभाग व इटावा आप्थेलमिक सोसाइटी के अंतर्गत सीएमई (व्याख्यान) का आयोजन किया किया। जिसमें कई नेत्र चिकित्सक ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Oct 2019 11:31 PM (IST) Updated:Wed, 09 Oct 2019 06:24 AM (IST)
जागरूकता से ही आंखों की  बीमारी से निजात संभव
जागरूकता से ही आंखों की बीमारी से निजात संभव

संवाद सहयोगी, सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के नेत्र रोग विभाग व इटावा आप्थेलमिक सोसाइटी के अंतर्गत सीएमई (व्याख्यान) का आयोजन किया किया। जिसमें कई नेत्र चिकित्सक ने भाग लिया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ स्वपन सामंता एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी ऑप्थेलमोलोजिस्ट ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी ने बताया कि देशभर में अंधता उन्मूलन और ग्रामीण व शहरी जनता को जागरूक करने के लिए एक्वान रथ यात्रा का आयोजन किया गया है। इस सीएमई के माध्यम से निश्शुल्क मोतियाबिद ऑपरेशन, ग्लूकोमा, अंध विद्यालय आदि के बारे में लोगों को जानकारी दी।

सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ रवि रंजन ने बताया की अंधता या अंधापन देख न सकने की दशा का नाम है। इसके बहुत कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता से आंखों की गंभीर बीमारी से बचा का सकता है। उन्होंने बताया कि आंखों की रोशनी इन सब कारणों से कम हो सकती है जैसे कि पलकों में रोहिया, कुकुरे, ट्रेकोमा, चेचक या माता, पोषण हीनता, समलबाई, मोतियाबिद, कुष्ठ रोग, जन्म के समय आंख में संक्रमण, मधुमेह हो सकते हैं। जागरूकता से इन बीमारियों से बचा जा सकता है। ²ष्टि कम हो गई है या पूरी तरह से समाप्त हो गई है तो उचित चिकित्सा सलाह से इलाज कराने से रोशनी पुन: वापस आ सकती है। सरकार द्वारा तमाम योजनाओं के तहत निश्शुल्क ऑपरेशन व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है सीएमई में इटावा ऑफ्थलमिक सोसायटी के प्रेसिडेंट डॉ श्रीनाथ मेहरोत्रा, सीनियर नेत्र सर्जन डॉक्टर सीएस दुबे, डॉ शोभित मेहरोत्रा ने भी अपने विचार प्रकट किए।

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