जांच विश्वसनीय, लेकिन उपचार नहीं

डेंगू की आम लोगों में भले ही दहशत हो लेकिन सरकारी डॉक्टर बेफिक्र हैं। यहां जांच होती है लेकिन उपचार नहीं होता।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Oct 2018 11:09 PM (IST) Updated:Sun, 21 Oct 2018 11:09 PM (IST)
जांच विश्वसनीय, लेकिन उपचार नहीं
जांच विश्वसनीय, लेकिन उपचार नहीं

जागरण संवाददाता, एटा: डेंगू की आम लोगों में भले ही दहशत हो लेकिन सरकारी डॉक्टर बेफिक्र हैं। जिला अस्पताल में शनिवार को डेंगू का पहला मरीज भर्ती हुआ। अव्यवस्थाओं के बीच परिजन उसे मात्र एक घंटे बाद ही ले गए। मरीजों को यहां की जांच पर तो भरोसा है लेकिन इलाज पर नहीं। यह और बात है कि अधिकारी जिला अस्पताल में चाक चौबंद व्यवस्था होने का दावा कर रहे हैं।

जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब से प्रतिदिन जांच में कई लोगों को डेंगू की पुष्टि होती है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार एक डेंगू वार्ड बनाया गया है। सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं। यह और बात है कि डेंगू वार्ड पृथक नहीं बनाया है। सर्जीकल वार्ड में ही चार पलंगों पर सेपरेशन लगाकर डेंगू वार्ड का नाम दे दिया गया है। अंदर साफ-सफाई, रोशनी का पर्याप्त इंतजाम नहीं है। दोपहर दो बजे के बाद चिकित्सक नहीं मिलते।

हालांकि जिला अस्पताल में हुई डेंगू की जांच रिपोर्ट को लोग अधिक विश्वसनीय मानते हैं। भर्ती होने की स्थिति में बहाने बनाकर चले जाते हैं। अब तक अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में बड़ी संख्या में लोगों को डेंगू की पुष्टि हुई है। शनिवार को डेंगू पीड़ित महावीर निवासी सैंथरी जिला अस्पताल में भर्ती हुआ। अव्यवस्था के चलते परिजन उसे एक घंटे बाद ही ले गए।

वर्जन

डेंगू के उपचार के लिए सभी व्यवस्थाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं। चिकित्सक जरूरी होने पर मरीजों को भर्ती होने की सलाह भी देते हैं।

- डॉ. बी. सागर, सीएमएस जिला चिकित्सालय

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