सीधे संवाद से दिलों को छू गए शाह

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कई मुद्दों पर लोगों के दिलों को छूने की भरपूर कोशिश की। जनता की हाजिर जवाबी ने शाह को भी खूब संबल दिया। उन्होंने कोई ऐसा मुद्दा नहीं छोड़ा जिसे अपने भाषण में शुमार न किया हो। सभा में कई बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए हामी भी भरवाई। खास यह रहा कि उन्होंने वोट बैंक बढ़ाने के लिए भाजपाइयों को एक फार्मूला भी दिया कि अपने फोन से कम से कम 50-50 लोगों को फोन करके भाजपा के पक्ष में वोट करने को तैयार करें।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Apr 2019 11:19 PM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2019 11:19 PM (IST)
सीधे संवाद से दिलों को छू गए शाह
सीधे संवाद से दिलों को छू गए शाह

एटा, जासं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कई मुद्दों पर लोगों के दिलों को छूने की भरपूर कोशिश की। जनता की हाजिर जवाबी ने शाह को भी खूब संबल दिया। उन्होंने कोई ऐसा मुद्दा नहीं छोड़ा, जिसे अपने भाषण में शुमार न किया हो। सभा में कई बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए हामी भी भरवाई। खास यह रहा कि उन्होंने वोट बैंक बढ़ाने के लिए भाजपाइयों को एक फार्मूला भी दिया कि अपने फोन से कम से कम 50-50 लोगों को फोन करके भाजपा के पक्ष में वोट करने को तैयार करें।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सुनने के लिए भीड़ बेताब थी। निर्धारित समय से विलंब से पहुंचे फिर भी उन्होंने इस बेताबी को उत्साह में तब्दील कर दिया। शाह ने अपने भाषण की शुरुआत करते ही जनता की नब्ज को टटोला और सीधा संवाद शुरू कर दिया। उन्होंने इस बात का खास ध्यान रखा कि यहां के समीकरण क्या हैं और उन्हीं पर सबसे ज्यादा बात की। बुआ-बबुआ पर प्रहार करते हुए जनता से पूछा कि दोनों जातिवाद की राजनीति करते हैं या नहीं, जवाब मिला करते हैं, तो उन्हें वोट दोगे, जवाब मिला नहीं। अपराधों पर शाह ने अखिलेश और मायावती दोनों को ही घेरा। उन्होंने पूछा एटा वाले बताओ सपा-बसपा की सरकार बनती है तो क्या बढ़ता है, मगर जनता नहीं बोल पाई उससे पहले ही शाह खुद जवाब दे बैठे, बोले गुंडागर्दी। जब पाकिस्तान का मुद्दा आया तो उन्होंने जनता से पूछा वो हम पर गोली बरसाता है, तुम क्या बरसाओगे, भीड़ से आवाज आई बम। अगले पल ही माहौल समझकर अपनी मूल बात उन्होंने सामने रख दी और बोले, इन बमों और गोलों को वोटों में तब्दील कर दो। शाह ने सबसे ज्यादा प्रहार जातीयता पर किए और इसके लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। पुलवामा हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक को लेकर जनता से पूछा कि जब सेना ने पाकिस्तान में घुसकर मारा तो मातम कहां पसरा, जनता ताली बजाने लगी तो वे खुद ही बोले कि पाकिस्तान और विपक्ष के यहां। अपने भाषण में शाह ने जनता को देर तक बांधे रखा।

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