कचरे के ढेर बने अलाव का सहारा

जागरण संवाददाता, एटा (कासगंज): नगर में पालिका की अनदेखी से संक्रामक रोगों को बढ़ावा मिल रहा है। कूड़े

By Edited By: Publish:Sun, 28 Dec 2014 06:16 PM (IST) Updated:Sun, 28 Dec 2014 06:16 PM (IST)
कचरे के ढेर बने अलाव का सहारा

जागरण संवाददाता, एटा (कासगंज): नगर में पालिका की अनदेखी से संक्रामक रोगों को बढ़ावा मिल रहा है। कूड़े के ढेर तो स्वयं में एक गंभीर समस्या बने हुए हैं। वहीं सर्दी से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थलों में फैले कूड़े में लोग आग लगाकर उन्हें अलाव बना रहे हैं। ऐसे में गंदगी से स्थलीय तो धुंए से वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। नगर में कूड़ा निस्तारण की भी कोई व्यवस्था नहीं हैं।

देश भर में जहां एक ओर स्वच्छ भारत अभियान के तहत विशेष अभियान चल रहा है। वहीं कासगंज जनपद के मुख्यालय पर इस अभियान के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। नगर में सार्वजनिक स्थलों पर पूरे दिन कूड़ा बिखरा रहता है। इससे संक्रामक रोगों को बढ़ावा मिलने की आशंका बनी रहती है। इतना ही नहीं गंभीर समस्या तो उस समय जन्म ले रही है जब गंदगी के ढेरों पर लोग सर्दी से बचाव के लिए आग लगाकर उन्हें अलाव बना ले रहे हैं। ऐसे में गंदगी के ढेरों से निकलने वाला धुआं वातावरण की वायु को प्रदूषित कर रहा है। बारबार की बंदगी के बाद भी गंदगी की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। नगर की मलिन बस्ती में पालिका द्वारा अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वहां के लोगों में भी आक्रोश पनप रहा है।

पालिकाध्यक्ष रूपकिशोर कुशवाह ने बताया कि नगर के सार्वजनिक एवं चयनित स्थलों पर प्रतिदिन अलाव सामग्री डलवाने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं से यदि शिकायत मिलती है तो वह अपने स्तर से उसका समाधान कराएंगे। गंदगी के ढेरों पर आग नहीं लगाई जानी चाहिए। इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा।

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