मलेशिया में फंसा बीमार कामगार, वतन वापसी को बेकरार

बेरोजगारी के दंश से आहत मदनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बहसुआ निवासी सुधीर तिवारी पुत्र राजेश्वर तिवारी रोजगार की तलाश में अगस्त 2019 में सात समंदर पार मलेशिया के क्वलामपुर चले गए। बदकिस्मती ने यहां भी पीछा नही छोड़ा और कोविड 19 कि वजह से लाक डाउन में फंस गए। रोजगार भी छीन गया। उसी दौरान लीवर में संक्रमण से बीमार हो गए। बीमारी बढ़ने के साथ इलाज के लिए पैसे नही होने से मलेशिया के क्वलामपुर चिकित्सकों ने इलाज से इन्कार कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 06:05 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 06:05 PM (IST)
मलेशिया में फंसा बीमार कामगार, वतन वापसी को बेकरार
मलेशिया में फंसा बीमार कामगार, वतन वापसी को बेकरार

देवरिया: वैश्विक महामारी कोरोना कामगारों के लिए अभिशाप बन कर आई है। देवरिया जिले का एक युवक मलेशिया के क्वलामपुर में बीमारी से परेशान है। वतन आने के लिए बेकरार है।

बेरोजगारी के दंश से आहत मदनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बहसुआ निवासी सुधीर तिवारी पुत्र राजेश्वर तिवारी रोजगार की तलाश में अगस्त 2019 में सात समंदर पार मलेशिया के क्वलामपुर चले गए। बदकिस्मती ने यहां भी पीछा नही छोड़ा और कोविड 19 कि वजह से लाक डाउन में फंस गए। रोजगार भी छीन गया। उसी दौरान लीवर में संक्रमण से बीमार हो गए। बीमारी बढ़ने के साथ इलाज के लिए पैसे नही होने से मलेशिया के क्वलामपुर चिकित्सकों ने इलाज से इन्कार कर दिया। जिसकी जानकारी होते ही स्वजन सांसद से लेकर पीएमओ व विदेश मंत्रालय से लगातार गुहार लगा लगाई है। सांसद कमलेश पासवान, रवि किशन द्वारा विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उधर सुधीर वतन आने के लिए परेशान है। घर के लोगों से फोन पर बात कर रो रहा है। सुधीर के भाई मनीष त्रिपाठी के अनुसार क्वलामपुर के डाक्टर इलाज के लिए भारत रेफर कर चुके हैं। लेकिन कानूनी अड़चन से राह आसान नहीं है।

माता-पिता परेशान

मेरा लाल परिवार की तकलीफ दूर करने उतनी दूर गया। यदि यह जानते रहते की ऐसे हालात होंगे तो कभी जाने ही नही देते। अपने जिगर के टुकड़े के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं।

कौशल्या देवी व राजेश्वर तिवारी।

(माता-पिता) सुहाग के लिए लड़ूंगी..

-पति को वतन लाने के लिए हर तकलीफ सहने को तैयार हुूं। अफसोस इस बात की है कि लगातार गुहार लगाने के बाद भी मेरा दर्द व मेरे बच्चों के आंसू पर किसी के पास ठोस कोई उपाय नहीं है।

प्रीति देवी (पत्नी) जिलाधिकारी अमित किशोर ने संयुक्त सचिव वीजा व अन्य अधिकारियों को पत्र भेजा है। विदेश मंत्रालय को भी इस मामले की जानकारी दी है। वतन वापसी के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।

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