आस्था के सैलाब पर कड़ी नजर

जागरण संवाददाता, देवरिया : सूर्यदेव की आराधना का सबसे बड़ा पर्व छठ बुधवार को उपनगर समेत ग्रामीण अं

By Edited By: Publish:Thu, 30 Oct 2014 06:03 PM (IST) Updated:Thu, 30 Oct 2014 06:03 PM (IST)
आस्था के सैलाब पर कड़ी नजर

जागरण संवाददाता, देवरिया : सूर्यदेव की आराधना का सबसे बड़ा पर्व छठ बुधवार को उपनगर समेत ग्रामीण अंचलों में धूमधाम से मनाया गया। निर्जला व्रत रखकर माताओं ने अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना कर पुत्र के दीर्घायु की कामना की। नदावरघाट पर मेले जैसा माहौल रहा और सुरक्षा तथा पथ-प्रकाश की व्यवस्था चौकस रही। विधायक मनबोध प्रसाद ने घाट पर पहुंच कर लोगों को छठ की शुभकामनाएं दीं।

महिलाएं दउरा लेकर घाट के लिए निकलने लगीं तो देर शाम तक जारी रहा। घाट पर छठ वेदी पर दीप जलाकर पूजा की। डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पुत्र के दीर्घायु की कामना की। नगर के पिपरा मोहन, पिपरा नाजिर, बंजरिया समेत अन्य गांवों में भी तालाबों व पोखरों के किनारे महिलाओं ने छठ पूजन किया। सलेमपुर के नदावरघाट पर अध्यक्ष देवंती देवी, ओमप्रकाश यादव, पूर्व अध्यक्ष सुधाकर गुप्त, रामरतन गुप्त, सभासद विनोद यादव, श्रीराम यादव, प्रदीप यादव समेत अन्य लोग मौजूद रहे। हमारे लार, भागलपुर, मईल, भटनी, पड़री बाजार, खुखुंदू, लार रोड संवाददाताओं के अनुसार क्षेत्र में भी छठ का त्योहार मनाया गया और माताओं ने पुत्र के दीर्घायु की कामना की।

कांच ही बांस के बहंगिया..

पुरबिया संस्कृति से ओत-प्रोत महिलाएं पारंपरिक वेश-भूषा व रंग-बिरंगे परिधान में सिर पर पूजा सामग्री लिये घाटों तक पहुंची। व्रती महिलाओं के साथ बैंडबाजा ढोल, नगाड़ा बजाते लोग झूमते गाते घाटों की तरफ जा रहे थे। समूह में भोजपुरी की पारंपरिक गीत गूंज रहे थे। कांच ही बास के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, केरवा जे फरेला, ओ पे सुग्गा मेडराय..एवं अन्य पारंपरिक गीतों को सुनकर लोग पुरबिया संस्कृति का आनंद ले रहे थे।

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