पृथ्वी के अस्तित्व के लिए ओजोन परत संरक्षण जरूरी

By Edited By: Publish:Tue, 16 Sep 2014 09:20 PM (IST) Updated:Tue, 16 Sep 2014 09:20 PM (IST)
पृथ्वी के अस्तित्व के लिए ओजोन परत संरक्षण जरूरी

देवरिया : आधुनिक प्रौद्यौगिकी व बहुआयामी विकास की प्रक्रिया में सुविधा भोगी उपकरणों का अंधाधुंध उपयोग, औद्योगिकीकरण, पेट्रोलियम द्वारा चलने वाले वाहनों से उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैस ओजोन परत के लिए विनाशकारी हैं। यह गैस ओजोन परत को क्षीण कर सूर्य पर पैरा बैंगनी किरणों को पृथ्वी तक पहुंच कर ग्लोबल वार्मिंग द्वारा पृथ्वी को विनाश की तरफ ले जा रहे हैं।

उक्त बातें सदर विकास खंड के ग्रामसभा पिपरा चंद्रभान स्थित श्री दुर्गाजी इंटर कालेज में मंगलवार को विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद उप्र के निर्देशन तथा जिला विज्ञान क्लब द्वारा आयोजित गोष्ठी में पूर्व प्रधानाचार्य इंद्रकुमार दीक्षित ने कही। वरिष्ठ विज्ञान संचारक उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि पृथ्वी के वायुमंडल के बाहरी हिस्से में मौजूद ओजोन परत के क्षरण का मुख्य कारण अनियमित विकास एवं औद्योगिकीकरण है। इसके कारण ग्लोबल वार्मिग के साथ ही साथ जीवधारियों में अनेक प्रकार की बीमारी उत्पन्न हो रही है तथा जलवायु परिवर्तन हो रहा है। उद्योगपति प्रताप नारायण जायसवाल ने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त किए बिना पृथ्वी के अस्तित्व की कल्पना करना हास्यास्पद है। जिला समन्वयक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जितना ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित करता है उस अनुरूप उसे पौधरोपण भी करना चाहिए। प्रधानाचार्य सुरेंद्र मिश्र ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से लोगों के अंदर पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है। उन्होंने आए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रबंध मुनिवर मिश्र, कविता मणि त्रिपाठी, जितेंद्र पांडेय, राघवेंद्र सिंह, सूर्यप्रकाश तिवारी, मनोज शर्मा एवं सभी शिक्षक व छात्र उपस्थित रहे।

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