दवाई, सफाई, व्यवहार के ट्रैक पर फर्राटा भरेगी रेल

दवाई सफाई व्यवहार के ट्रैक पर फर्राटा भरेगी रेल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 08:08 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 10:54 PM (IST)
दवाई, सफाई, व्यवहार के ट्रैक पर फर्राटा भरेगी रेल
दवाई, सफाई, व्यवहार के ट्रैक पर फर्राटा भरेगी रेल

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : श्रमिकों के लिए रेलवे अब दवाई, सफाई व व्यवहार पर अमल करने जा रही है। यात्रा के दौरान श्रमिकों को अब किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। श्रमिकों का सम्मान अब रेल का सम्मान होगा। डीआरएम पंकज सक्सेना की पहल पर नया कलेवर बुधवार को स्थानीय जंक्शन पर देखने को मिला। रेल कर्मियों ने श्रमिकों के हाथ में सम्मान के साथ भोजन का पैकेट पानी की बोतलें दीं। जंक्शन पर रेल नीर के साथ श्रमिक व उनके परिजनों की इच्छा पर पानी की खाली बोतलें भरने के लिए पेयजल पाइप भी लगाई गई।

कोरोना काल में श्रमिक जहां-तहां फंसे हुए हैं। लॉकडाउन की वजह से फंसे श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। करोड़ों श्रमिकों ने घर पहुंचने के लिए आवेदन किया है। अब ट्रेनों से श्रमिकों को घर पहुंचाया जा रहा है। श्रमिकों को परेशानी न हो, इसके लिए रेलवे ने पूरी तैयारी कर रखी है। जंक्शन पर रूकने वाली श्रमिकों को अभी तक खाना व पानी की उपलब्ध कराया जा रहा था। इस व्यवस्था में भी कुछ अधिकारी व कर्मचारी बाधा बनने लगे। इससे श्रमिकों की परेशानियां बढ़ गई। फिर डीआरएम पंकज सक्सेना को ही आगे आना पड़ना। पूरी व्यवस्था को बदलकर उन्होंने सम्मान के साथ श्रमिकों को खाना देने की व्यवस्था की। इसके साथ ही सफर करने के दौरान किसी परेशानी नहीं होगी। स्थानीय जंक्शन पर श्रमिकों को हर सुविधा मुहैया कराने के लिए 24 घंटे में से 16 घंटे तक अफसरों की ड्यूटी जंक्शन पर लगाई जा रही है। ये स्टेशन बनाए गए हैं फूड प्वाइंट

पटना, दानापुर, पाटलिपुत्रा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, गया, चोपन, धनबाद, कोडरमा, बरकाकाना, रेणुकूट, सिगरौली, डाल्टेनगंज, सिगरौली, गढ़वा रोड, सोनपुर, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बरौनी, समस्तीपुर, दरभंगा, बापूधाम मोतिहारी, बेतिया स्टेशनों पर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। 1094 स्पेशल ट्रेनों से 15 लाख श्रमिक पहुंचे घर

पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन में अब तक कुल एक हजार 94 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहुंच चुकी हैं। इन ट्रेनों से लगभग 15 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है। जितनी भी श्रमिक स्पेशल यहां पहुंच रहीं हैं, उन सभी से यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए पूर्व मध्य रेल प्रशासन दिन-रात लगा हुआ है।

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