जनपद को 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की सौगात
शासन ने पिछ़ड़े जिले को 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की सौगात दी है। नगर पंचायत सैयदराजा और चकिया में 39 और समग्र गांवों में 11 केंद्र खोलने की स्वीकृति मिली है। बाल विकास परियोजना विभाग ने क्षेत्र की आबादी गर्भवती महिलाओं धात्री माताओं कुपोषित बच्चों आदि का ब्योरा जुटाने को सर्वे शुरू कर दिया है। आरक्षण के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। दोनों निकायों में पहली दफा परियोजना आकार लेगी। कुपोषण की रोकथाम की दिशा में सरकार का यह कदम काफी कारगर साबित होगा।
अमित द्विवेदी, चंदौली : शासन ने पिछ़ड़े जिले को 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की सौगात दी है। नगर पंचायत सैयदराजा और चकिया में 39 और समग्र गांवों में 11 केंद्र खोलने की स्वीकृति मिली है। बाल विकास परियोजना विभाग ने क्षेत्र की आबादी, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, कुपोषित बच्चों आदि का ब्योरा जुटाने को सर्वे शुरू कर दिया है। आरक्षण के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। दोनों निकायों में पहली दफा परियोजना आकार लेगी। कुपोषण की रोकथाम की दिशा में सरकार का यह कदम काफी कारगर साबित होगा।
जनपद में 1823 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। 50 नए केंद्र खोलने को शासन से स्वीकृति प्राप्त हुई है। महत्वपूर्ण यह कि नगर पंचायत सैयदराजा और चकिया में 39 केंद्र खोले जाएंगे। दोनों कस्बे अभी तक सरकार की इस सुविधा से वंचित थे। यहां परियोजना का संचालन नहीं होने से गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और कुपोषित बच्चों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। वहीं 11 केंद्र उन समग्र गांवों में खोले जाएंगे जहां केंद्रों का संचालन नहीं हो रहा है। विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए निकायों में सर्वे का कार्य शुरू करा दिया है ताकि आबादी सहित लाभार्थियों की जानकारी एकत्रित की जा सके।
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1823 आंगनबाड़ी केंद्रों से मिल रहा लाभ
नक्सल प्रभावित विकास खंड नौगढ़ में 83, सकलडीहा 256, चकिया 177, बरहनी 174, सदर 200, शहाबगंज 153, धानापुर 215, चहनियां 206, नियामताबाद 250 और नगर क्षेत्र में 109 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों में शून्य से छह वर्ष तक के 231876 बच्चे नामांकित हैं। केंद्रों से योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाली गर्भवती और धात्री महिलाओं की संख्या 46 हजार 939 है। जबकि विभागीय आंकड़ों के अनुसार 7677 बच्चे येलो और 766 रेड जोन यानी कुपोषित की श्रेणी में आते हैं। बाल विकास एवं परियोजना विभाग पुष्टाहार वितरण व अन्य उपायों के जरिए कुपोषण की रोकथाम में जुटा हुआ है। 59 नए केंद्र खुल जाने से अभियान को और गति मिलेगी और सरकारी योजनाओं से वंचित तबका लाभांवित हो सकेगा। शिक्षित महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के रूप में नौकरी का अवसर भी प्राप्त होगा।
शासन से 50 नए केंद्र खोलने की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके लिए काफी समय से प्रयास किया जा रहा था। सीडीपीओ के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। आरक्षण आदि का कार्य पूरा होते ही अनुमोदन लेकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी।
- नीलम कुमारी मेहता, डीपीओ