यहां स्वावंलबन बनाने की गुरु दक्षिणा सिर्फ दो पौधे

मां के कहे शब्दों ने रंजना अग्रवाल के मन में समाजसेवा की ऐसी अलख जगाई कि आज वह दूसरी बेटियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर न केवल स्वावलंबन का पाठ पढ़ा रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी जुटी हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली युवती एवं महिलाओं से रंजना कोई शुल्क नहीं लेती लेकिन दो पौधों की गुरु दक्षिणा जरूर मांगती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 11:27 AM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 11:27 AM (IST)
यहां स्वावंलबन बनाने की गुरु दक्षिणा सिर्फ दो पौधे
यहां स्वावंलबन बनाने की गुरु दक्षिणा सिर्फ दो पौधे

बुलंदशहर, प्रशांत गौड़। मां के कहे शब्दों ने रंजना अग्रवाल के मन में समाजसेवा की ऐसी अलख जगाई कि आज वह दूसरी बेटियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर न केवल स्वावलंबन का पाठ पढ़ा रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी जुटी हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली युवती एवं महिलाओं से रंजना कोई शुल्क नहीं लेती, लेकिन दो पौधों की गुरु दक्षिणा जरूर मांगती है। गुरु दक्षिणा में मिले पौधों की जिम्मेदारी भी उन्हीं महिला और युवतियों को देकर धरा को हरा-भरा करने का काम कर रही है।

खुर्जा नगर के ढोरी मोहल्ले में रहने वाली रंजना अग्रवाल किशोरावस्था से ही समाज सेवा में जुटीं हैं। बढ़ते प्रदूषण को देख रंजना को भविष्य की चिता सताने लगी तो उन्होंने अधिक से अधिक पौधे लगाकर धरा को बचाने मुहिम शुरू कर दी। इसकी शुरुआत भी उन्होंने उन बेटियों से की। जिन बेटियों और महिलाओं को निश्शुल्क हैंडीक्राफट का प्रशिक्षण देकर वह स्वावलंबी बना रहीं थीं। उनसे गुरु दक्षिणा में दो पौधें मांगकर उनके ही घर के आसपास लगवाने लगीं। समय-समय पर खुद भी जाकर इन पौधों की देखभाल करतीं। अरनिया, ढांकर, किर्रा, टेना गोसपुर, हजरतपुर, कलंदरगढ़ी, किला मेवई, खुर्जा जंक्शन, फिरोजपुर आदि गांवों में लहलहरा रहे ये पौधे रंजना के प्रयास की गाथा गुनगुना रहे हैं। रंजना के इस अथक प्रयास को प्रशासन भी सम्मान से नवाज चुका है। कई संगठन भी उन्हें सलाम कर चुके हैं। दो पौधे लगाकर पेड़ बना दो

ग्राम टेना गोसपुर निवासी भूमि बताती है कि रंजना मैडम ने जो कुछ सिखाया उसके बदले कुछ भी नहीं लिया। कहा कि यदि मुझे कुछ देना ही चाहती हो तो अपने घर के आंगन में दो पौधे लगाकर उन्हें पेड़ बना दो। यही मेरी गुरु दक्षिणा होगी। इससे प्रकृति का सौंदर्य भी निखरेगा। धरा भी प्रदूषण मुक्त हो जाएगी। उन्हीं की बदौलत घर के आसपास करीब पांच पौधे लगाकर उन्हें सींच रहीं हूं। देखभाल कर पौधों को रहीं सींच

ग्राम किला मेवई निवासी राधा ने बताया कि रंजना मैडम ने ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण देकर मुझे रोजगार की राह दिखाई है। इसके बदले उन्होंने दो पौधे लगाने की गुरु दक्षिणा मांगी। इसके बाद घरवालों के सहयोग से मैंने घर के आसपास और गांव में कई पौधे लगाए। देखभाल करके इन पौधों को बड़ा करने में लगी हूं। मैडम भी कई बार आकर इन पौधों को खाद-पानी देकर सींच चुकी हैं। इन्होंने कहा..

आज बढ़ता प्रदूषण समाज के लिए चिता का विषय है। इसलिए जिन बेटियों को स्वावलंबी बना रही हूं, उन्हीं के जरिए पर्यावरण संरक्षण के लिए गुरु दक्षिणा में पौधे मांगकर धरा को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास कर रही हूं, ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके।

रंजना अग्रवाल, समाज सेविका

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