गोशाला से निकलेगी बिजली उत्पादन की नई राह

गोबर से नाले व नालियां चोक होने पर गली मोहल्लों में होने वाले जलभराव व सब्जी, फलों के जगह-जगह कचरे से फैल रही गंदगी से शीघ्र नगर के लोगों को निजात मिलेगी। इसके लिए नगर के भटपुरा रोड स्थित रघुनाथ गोशाला में बायो गैस का प्लांट लगाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Oct 2018 09:42 PM (IST) Updated:Wed, 03 Oct 2018 09:42 PM (IST)
गोशाला से निकलेगी बिजली उत्पादन की नई राह
गोशाला से निकलेगी बिजली उत्पादन की नई राह

सिकंदराबाद : गोबर से नाले व नालियां चोक होने पर गली मोहल्लों में होने वाले जलभराव व सब्जी, फलों के जगह-जगह कचरे से फैल रही गंदगी से शीघ्र नगर के लोगों को निजात मिलेगी। इसके लिए नगर के भटपुरा रोड स्थित रघुनाथ गोशाला में बायो गैस का प्लांट लगाया जा रहा है। बायोगैस प्लांट में गोबर के साथ सब्जी फल के कचरे से बिजली उत्पादन होगा।

सिकंदराबाद के भटपुरा रोड स्थित रघुनाथ गोशाला समिति आधुनिक तौर तरीके जहां अपनाने में अग्रणी है। कुछ दिन पूर्व खेतों में खड़ी फसल से चारा बनाने के लिए जहां सात लाख की मशीन मंगवाकर मजदूरी के पड़ने वाले भार का कम किया, वहीं साबरमती आश्रम गुजरात से शाहीवाल गायों के सीमन का निश्शुल्क वितरण कर रही है, ताकि गोपालकों को दुधारू पशु मिल सकें। अब गोशाला समिति ने नगर में भारी तादात में पशुपालकों द्वारा नाले नालियों में बहाए जाने वाले गोबर नालियों के चोक होने और फल-सब्जी के कचरे से होने वाली गंदगी से निजात दिलाने के लिए बायो गैस प्लांट लगाने का निर्णय लिया।

गोशाला समिति के मुख्य कार्यकारिणी सदस्य चौधरी ब्रजवीर ¨सह ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा को बढ़वा दे रही है। इसी के तहत समिति की ओर से आधुनिक बायो गैस प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। लखनऊ से आंनद इंजीनिय¨रग कंपनी प्लांट लगाने के लिए सर्वे भी कर चुकी है। यह पश्चिमी प्रदेश में पहला गोशाला में लगवाने वाला प्लांट होगा। जहां गोबर व फल-सब्जी के कचरे से बिजली उत्पादन होगा।

समिति के संस्थापक घनश्याम बिहारी मित्तल ने बताया कि प्रथम चरण में बायो गैस से गोशाला के लिए बिजली उत्पादन होगा। बायोगैस से सीएनजी बनेगी और सीएनजी से गोशाला रोशन होगी। उक्त प्लांट लगाने में करीब 35 लाख का खर्चा आएगा। इसके लिए पांच सौ गायों के गोबर और फल-सब्जी के प्रत्येक दिवस तीन सौ कुंटल कचरे की जरूरत पड़ेगी। उक्त प्लांट को चलाने के लिए समिति गोपालकों से किलो के हिसाब से गोबर व मंडी से फल व सब्जी बेचने वालों से कचरा खरीदेगी। गोबर व कचरे की उपलब्धता को देख भविष्य एक और प्लांट लगाकर सीएनजी गैस के साथ बिजली उत्पादन करने की योजना है। बिजली अथवा सीएनजी बेचने को प्रशासन से करार भी होगा। जैविक खाद की इनकम से होंगे सामाजिक हित के कार्य

गोशाला समिति के संस्थापक घनश्याम बिहारी मित्तल ने बताया कि बायो गैस प्लांट से जैविक खाद का भी उत्पादन होगा। प्लांट लगवाने वाली कंपनी ही उनका जैविक खाद बेचने वाली कंपनी से अनुबंध करा रही है। इस खाद से होने वाली इनकम से समिति द्वारा पौधरोपण की सुरक्षा, पार्क विकसित करने के साथ दिव्यांगों की मदद के चल रही योजनाओं के साथ अन्य सामाजिक हित के बनी योजनाओं को संचालित किया जाएगा।

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