संभल कर चलें, इस राह में बड़े-बड़े गड्ढे

नजीबाबाद-हरिद्वार के बीच मोटा महादेव मंदिर से भागूवाला बाईपास मार्ग पर आधा दर्जन से अधिक गांव बसे हैं। इन गांवों से रोजाना सैकड़ों ग्रामीण आवागमन करते हैं। भारी वाहनों के गुजरने से क्षतिग्रस्त हो चुके मार्ग की हालत बारिश ने और भी बिगाड़ दी है। अब बाईपास मार्ग कई जगह तालाब के रूप में नजर आ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:05 AM (IST)
संभल कर चलें, इस राह में बड़े-बड़े गड्ढे
संभल कर चलें, इस राह में बड़े-बड़े गड्ढे

जेएनएन, बिजनौर। नजीबाबाद-हरिद्वार के बीच मोटा महादेव मंदिर से भागूवाला बाईपास मार्ग पर आधा दर्जन से अधिक गांव बसे हैं। इन गांवों से रोजाना सैकड़ों ग्रामीण आवागमन करते हैं। भारी वाहनों के गुजरने से क्षतिग्रस्त हो चुके मार्ग की हालत बारिश ने और भी बिगाड़ दी है। अब बाईपास मार्ग कई जगह तालाब के रूप में नजर आ रहा है। इससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार यहां हादसे भी हो चुके हैं। बाईपास मार्ग से गांव रहमापुर, प्रेमपुरी, जटपुराबौंडा, जटपुरा खास, नियामतपुर, गूढ़ा, टांडा रतन, गांवड़ी, मोहनपुर, कामगारपुर सहित कई गांव जुड़े हैं। ओंकार सिंह, रविद्र सिंह, जय सिंह, मोहम्मद अली, इलियास, अफजाल, अब्दुल रहमान, भूपेंद्र सिंह, जयप्रकाश, ओमपाल सिंह आदि ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मार्ग को दुरुस्त कराने की मांग की है। बोले ग्रामीण मार्ग तो बदहाल है ही, साथ ही मार्ग पर बने रपटों पर जलस्तर बढ़ने पर क्षेत्र का नजीबाबाद से संपर्क कट जाता है। इसमें भी सुधार होना चाहिए।

-अजयपाल सिंह किसान नेता बाईपास मार्ग कृषि बहुल क्षेत्र से जुड़ा है। मार्ग बदहाल होने से कृषि उपज के वाहनों की आवाजाही प्रभावित होती है। इस पर ध्यान दिया जाए।

-रविद्र सिंह, किसान निर्माण के दौरान मार्ग की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता। मार्ग पर कई औद्योगिक संस्थान हैं। भारी वाहनों के आवागमन को देखते हुए मार्ग को टिकाऊ बनाया जाना चाहिए।

-भूपेंद्र सिंह, ट्रांसपोर्टर व्यापार काफी हद तक मार्गों की हालत पर निर्भर करता है। जिस मार्ग से लोगों का गुजरना मुश्किल हो, उस मार्ग से जुड़े कारोबार कैसे आगे बढ़ सकते हैं।

-नरेंद्र सिंह, व्यापारी

chat bot
आपका साथी