रेलवे की नीयत काली, फिर शुरू हुई दलाली

उधर अधिकारियों के लौटने की देर थी कि उधर टिकट दलाल पुन सक्रिय हो गए। शनिवार को आरक्षण केंद्र पर कई टिकट दलाल मंडराते देखे गए। हालांकि पूरी सावधानी के साथ। खुद आरक्षण केंद्र से दूरी बनाए रहे जबकि अनजान युवक को लाइन में लगा दिया गया था। बता दें कि विभाग द्वारा टिकट दलालों के खिलाफ चलाए जा रहे धर पकड़ अभियान के क्रम में गत शुक्रवार स्थानीय आरक्षण केंद्र पर लखनऊ से आई विजिलेंस टीम ने छापमारी की थी। इस दौरान पहले नंबर लगा दलाल अधिकारियों को देख फरार हो गया था। जिससे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Jun 2019 07:00 PM (IST) Updated:Sat, 29 Jun 2019 07:00 PM (IST)
रेलवे की नीयत काली, फिर शुरू हुई दलाली
रेलवे की नीयत काली, फिर शुरू हुई दलाली

जागरण संवाददाता, भदोही : दलालों के पांव यूं ही नहीं इतने गहरे हैं, इसे मजबूत करने में रेलवे के अधिकारियों का आशीर्वाद भी है। अफसरों की नीयत काली होने की वजह से आरक्षण केंद्र पर फिर से दलाली शुरू हो गई है। इधर लखनऊ से आए विजिलेंस के अफसर लौट गए, उधर दलाल फिर से यात्रियों को जख्म देना शुरू कर दिए हैं। अब सीसीटीवी कैमरे से अधिकारी समस्या पर लगाम लगाने की कोशिश करने में लगे हैं। शनिवार को फिर से भदोही रेलवे स्टेशन के आरक्षण काउंटर पर दलाल मंडराते हुए दिखाई पड़े। दोपहर में वे लाइन में लगे हुए थे।

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छापेमारी में दलाल हो गए थे फरार

विजिलेंस की छापेमारी के दौरान शुक्रवार को दलाल फरार हो गए थे। चीफ पब्लिक कम्प्लेन इंस्पेक्टर (लखनऊ) जेके राय के अनुसार टिकट दलाली रोकने के लिए विभाग छोटे स्टेशनों पर भी सीसी कैमरे लगाने की तैयारी में है। केंद्र पर कर्मचारियों का अभाव प्रमुख समस्या है। विभागीय स्तर से कोई पहल नहीं हो रही है। तीन खिड़कियों के संचालन के लिए नौ कर्मचारियों का मानक है जबकि वर्तमान समय महज तीन कर्मचारी है। दो माह पहले सुरवाइजर पद पर तैनात राजेंद्र सिंह के तबादले के बाद दो कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी लेकिन दोनों ने आमद नहीं कराई। स्टेशन अधीक्षक कोमल सिंह का कहना है कि उन्होंने सुपरवाइज को इसी वायदे पर रिलीव किया था कि तीन दिन में नए कर्मचारियों को भेजा जाएगा लेकिन दो माह बाद भी किसी कर्मचारी ने आमद नहीं कराई।

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भदोही नहीं आना चाहते कर्मचारी

विभाग की लचर व्यवस्था का यह आलम है कि नियुक्ति के बाद भी कर्मचारी नहीं आते। कई कर्मचारी नियुक्ति रद करवा चुके हैं। विगत वर्ष एक महिला कर्मचारी को भेजा गया था जिसने कुछ दिनों तक काम किया, फिर लापता हो गई। विभागीय कर्मचारियों की मानें तो सुविधा सम्पन्न वाराणसी के कैंट स्टेशन पर नौकरी करने वाला कोई भी कर्मचारी भदोही जैसे स्टेशन पर आना नहीं चाहता।

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