जागरण संवाददाता, कानपुर। उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी में दम भरने बसपा सुप्रीमो मायावती 10 मई को शहर आ रही हैं। अकबरपुर संसदीय क्षेत्र के रमईपुर के मगरासा में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगी। उनके आगमन से पहले बिखरे संगठन की कड़ियों को जोड़ने की कवायद शुरू है।
प्रदेश से जिलाध्यक्ष को निर्देश मिला है कि पूर्व पदाधिकारियों को सम्मान देकर बुलाएं और जनसभा के लिए सलाह-मशविरा कर रणनीति बनाएं। उन्हें जिम्मेदारी प्रदान करके मायावती की जनसभा को सफल बनाएं। तब से पूर्व पदाधिकारियों, पूर्व जिलाध्यक्षों और हाशिए में आए काडर के लोगों की पूछ बढ़ गई है।
वर्ष 2012 के बाद से बसपा संगठन में पूर्व की भांति कार्य बंद हो गए। कार्यों की निगरानी और रिपोर्टिंग न होने से पदाधिकारी, पूर्व पदाधिकारी व कार्यकर्ता निष्क्रिय होते गए। बहुजन वालेंटियर फोर्स (बीवीएफ) सुस्त हो गई। पूर्व पदाधिकारी स्वीकारते हैं कि दूसरे दलों से गठबंधन का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। लगातार हार से हताश पदाधिकारियों, कार्यकर्ता व काडर वोट को सक्रिय करने की कमान बसपा सुप्रीमो ने संभाली है।
संगठन में जान फूंकने में जुटी बसपा सुप्रीमो
मायावती प्रदेशभर में जनसभा कर संगठन में जान फूंकने में जुटी हैं। इस कड़ी में 10 मई को रमईपुर में प्रस्तावित जनसभा से पहले संगठन को एकजुट किया जा रहा है।
पूर्व पदाधिकारी किए जा रहे सक्रिय
मुस्लिम समाज में पकड़ रखने वाले हनीफ घोषी और पूर्व पार्षद नियाज अहमद, पूर्व मंडल कोआर्डिनेटर अशर्फी लाल शंखवार, पूर्व जिलाध्यक्षों में ओम प्रकाश प्रजापति, रामाश्रय कुरील, राजाराम भारती, एसपी टेकला, रामकृष्ण भास्कर व जेपी गौतम को सक्रिय किया गया है।
उन्हें जनसभा को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सर्वसमाज की सुनिश्चित होगी भागीदारी
पूर्व महासचिवों, सभी विधानसभा के पूर्व अध्यक्षों, बीवीएफ कार्यकर्ता को सक्रिय किया जा रहा है। इसके अलावा सर्वसमाज में ब्राह्मण, ठाकुर व वैश्य वर्ग के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सक्रिय करके उनकी भी भागीदारी सुनिश्चित की जानी है। उन्हें संगठन की नियमित बैठकों में बुलाया जा रहा है।
हाशिए में चले गए पूर्व मंडल कोआर्डिनेटरों, जिलाध्यक्ष, जिला महासचिव से लेकर विधानसभा के अध्यक्षों व कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया गया है। उन्हें बैठकों में बुलाया जा रहा है। उनके अनुभव का लाभ उठाने का प्रयास शुरू है, जिससे जमीनी पकड़ मजबूत होगी।
- सुरेन्द्र कुशवाहा, पूर्व नगर अध्यक्ष।
बसपा सुप्रीमो की जनसभा को लेकर नियमित बैठकें हो रही हैं। उसमें पूर्व पदाधिकारी, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को भी बुलाया जा रहा है। उन्हें जनसभा की सफलता व कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- राजकुमार कप्तान, जिलाध्यक्ष, बसपा।