एससी में शामिल हों सत्रह जातियां

पिछड़ी सत्रह जातियों को एससी में शामिल कराने को लेकर ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र ने विधान सभा में मुद्दा उठाया।आरोप लगाया कि भारत सरकार ने 1961 में ही मझवार, केवट आदि पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल कर दिया था तो अभी तक उन्हें इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Aug 2018 07:19 PM (IST) Updated:Thu, 30 Aug 2018 07:19 PM (IST)
एससी में शामिल हों सत्रह जातियां
एससी में शामिल हों सत्रह जातियां

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पिछड़ी सत्रह जातियों को एससी में शामिल कराने को लेकर ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र ने विधानसभा में मुद्दा उठाया। आरोप लगाया कि भारत सरकार ने 1961 में ही मझवार, केवट आदि पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल कर दिया था तो अभी तक उन्हें इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक पर कड़ाई से रोक लगाई जाए। प्रजापति समाज के लोगों को स्वरोजगार के लिए स्वचालित मिशन उपलब्ध कराई जाए।

विधानसभा में समाज कल्याण मंत्री से सवाल करते हुए विधायक ने कहा कि भारत सरकार ने भारत सरकार की अनुसूची में मझवार, केवट, मल्लाह आदि जातियों को अनुसूचित जातियों में सम्मिलित किया था। उसी आधार पर प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी किया था। कहा कि हाईकोर्ट से शासनादेश को स्थगित किए जाने से मल्लाह सहित अन्य जातियों को न तो ओबीसी का लाभ मिल रहा है और न एससी का। पिछड़ी 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए। जिससे उनका जीवन स्तर उठ सके। प्लास्टिक की थैलियों पर रोक तो लगा दिया गया है लेकिन उसका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। प्रतिबंध के बाद भी बाजारों में बेधड़क प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग किया जा रहा है। कहा कि प्लास्टिक पर रोक लग जाने से कुंभकार समाज के स्वरोजगार में वृद्धि हो जाएगी। कुल्हड़ आदि बनाने के लिए प्रजापति समाज के लोगों को स्वचालित मशीन उपलब्ध कराई जाए।

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