13 दिन बाद जागा प्रशासन, चाइल्ड लाइन कराए स्वास्थ्य परीक्षण

कालीन कंपनी से मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर आखिरकार 13 दिन बाद जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने चाइल्ड लाइन को स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jan 2020 06:10 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 06:10 PM (IST)
13 दिन बाद जागा प्रशासन, चाइल्ड लाइन कराए स्वास्थ्य परीक्षण
13 दिन बाद जागा प्रशासन, चाइल्ड लाइन कराए स्वास्थ्य परीक्षण

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कालीन कंपनी से मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर आखिरकार 13 दिन बाद जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने चाइल्ड लाइन को स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी प्रतिमा मौर्य मंगलवार को बाल श्रमिकों का बयान दर्ज करेंगी। इस मामले में कालीन कारखाना के मालिक आजम खां के खिलाफ कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।

कालीन नगरी भदोही में बचपन बचाओ संस्था की सूचना पर एसडीएम जीपी यादव और पुलिस ने छापेमारी कर भदोही स्थित कालीन कारखाने से 15 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया था। बच्चों को डीएम के निर्देश पर बाल श्रमिकों को सीडब्ल्यूसी कोर्ट में पेश किया। सीडब्ल्यूसी ने बच्चों को वाराणसी स्थित बाल सुधार गृह में संरक्षित कराने का आदेश दिया है। बाल श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण 24 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए। कानूनी दांव-पेच के चलते समय से उनका परीक्षण नहीं हो सका। उनके परिवार के लोग अधिकारियों के दफ्तर में चक्कर काट रहे थे। 13 दिन बाद जिलाधिकारी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। जिलाधिकारी ने चाइल्ड लाइन को स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों को भी उसकी मानीटरिग और प्रकिया पूरी करने को कहा है। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बाल श्रमिकों को उनके परिवार के लोगों को हैंडओवर कर दिया जाएगा।

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