दो विधायकों की होगी निष्ठा परीक्षा,चितन बैठक में भाजपा करेगी हार-जीत की समीक्षा

जनपद के इतिहास में पहली बार यह जिला केसरियामय हुआ है। सांसद से लेकर पांचों विधायक भाजपा के हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर भाजपा अपने प्रत्याशी को निर्विरोध निर्वाचित कराने में सफल हुई तो सबकी नजर प्रमुख चुनाव पर आकर टिक गई। सभी 14 सीटों पर जीत के लिए जिताऊ प्रत्याशी तय कर निर्विरोध निर्वाचित कराने की रणनीति बनाकर पार्टी काम कर रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 11:30 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 11:30 PM (IST)
दो विधायकों की होगी निष्ठा परीक्षा,चितन बैठक में भाजपा करेगी हार-जीत की समीक्षा
दो विधायकों की होगी निष्ठा परीक्षा,चितन बैठक में भाजपा करेगी हार-जीत की समीक्षा

बस्ती: शुक्रवार तक जिले की 14 में से 12 सीटों पर प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित करा इतरा रहे भाजपाई शनिवार चितन में डूब गए। दुबौलिया सीट सपा के खाते में चली गई जबकि रुधौली प्रमुख की सीट पर पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह बोकू निर्दल प्रत्याशी अनूप कुमार चौधरी को जिताने में सफल रहे। इन दोनों सीटों पर भाजपा की करारी हार हुई। हार-जीत की समीक्षा भाजपा की चितन बैठक में होगी। इसमें दो विधायकों की निष्ठा की भी परीक्षा होनी है। प्रदेश नेतृत्व ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।

भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल के अनुसार प्रमुख पद के प्रत्याशी कोर कमेटी की बैठक में तय किए गए थे, लेकिन इसमें विधायकों की रजामंदी भी थी। विधायकों को विधान सभा क्षेत्र में प्रमुख की सीटों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दुबौलिया प्रमुख सीट की विधायक सीए चंद्रप्रकाश शुक्ल को जबकि रुधौली की जिम्मेदारी विधायक संजय प्रताप जायसवाल को सौंपी गई थी। फिलहाल इस बार चुनाव में बनकटी,परशुरामपुर और गौर में क्षत्रपों का किला ढह गया। रुधौली की सीट क्षेत्रीय क्षत्रप बचाने में सफल रहे। केसरियामय हुआ जनपद

जनपद के इतिहास में पहली बार यह जिला केसरियामय हुआ है। सांसद से लेकर पांचों विधायक भाजपा के हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर भाजपा अपने प्रत्याशी को निर्विरोध निर्वाचित कराने में सफल हुई तो सबकी नजर प्रमुख चुनाव पर आकर टिक गई। सभी 14 सीटों पर जीत के लिए जिताऊ प्रत्याशी तय कर निर्विरोध निर्वाचित कराने की रणनीति बनाकर पार्टी काम कर रही थी। हालांकि इसको लेकर नामांकन के दौरान हिसक घटनाएं हुईं। मारपीट,पथराव और गोली चली। सर्वाधिक उपद्रव गौर,दुबौलिया, बनकटी और रामनगर में देखने को मिला। सपा के हाथ से खिसक गई 12 सीटें

समाजवादी पार्टी पिछले प्रमुख के चुनाव में 14 में से तेरह सीटें जीती थी। रुधौली सीट पर पिछली बार भी पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह समर्थित प्रत्याशी जीता था। समाजवाटी पार्टी केवल दुबौलिया सीट बचाने में सफल रही। यहां से तालेबन यादव की पत्नी गीता देवी दूसरी बार प्रमुख निर्वाचित हुई हैं। सपा जिलाध्यक्ष महेंद्रनाथ यादव का आरोप है भाजपा सत्ता के बल पर बारह सीटें जीती है। किसी को नामांकन करने नहीं दिया गया। नामांकन करने गई सपाइयों के पर्चे फाड़ दिए गए। हमला किया गया। फर्जी मुकदमों में फंसाया गया। दो सीटों पर चुनाव हुआ और भाजपा हार गई। चुनाव हुआ होता तो भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पाती।

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