फाइलों में दफन हो गया सेक्स रैकेट का मामला

कोतवाली में आरोपित पति पर दर्ज किया गया था मुकदमा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Oct 2018 10:46 PM (IST) Updated:Sat, 20 Oct 2018 10:46 PM (IST)
फाइलों में दफन हो गया सेक्स रैकेट का मामला
फाइलों में दफन हो गया सेक्स रैकेट का मामला

बस्ती: जनवरी माह में एक महिला की ओर से अपने पति पर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराने के बाद लगा था कि रैकेट में शामिल चेहरे बेनकाब होंगे, मगर समय बीतने के साथ ही यह मामला फाइलों में दफन हो गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस महिला का बयान न होने का बहाना बना कर मामले को टरकाती रही।

पति पर बस्ती शहर में सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाकर सनसनी फैलाने वाली महिला की तहरीर पर 15 जनवरी को कोतवाली पुलिस ने उत्पीड़न, मानव तस्करी जैसे गंभीर धाराओं में आरोपी पति और उसके साथियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया था। शहर के आवास विकास कालोनी की रहने वाली महिला ने अपने पति पर सेक्स रैकेट चलाने और विरोध करने पर मारने-पीटने व तलाक देने तक की धमकी का आरोप लगाया था। रैँकेट में नेपाल तक की युवतियों के शामिल होने की बात कही गई थी। महिला ने कहा था इस धंधे में उसके पति के साथ अन्य लोग भी शामिल हैं। उसने कोतवाली पुलिस को कई आडियो और वीडियो क्लिप भी दिए थे। मामले की विवेचना तत्कालीन एसएसआइ चंद्रमोहन भाटिया को सौंपी गई थी।

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मुकदमा दर्ज होने से पहले कराई गई जांच

तत्कालीन एएसपी रोहित मिश्र ने महिला से पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद प्रकरण की जांच चौकी प्रभारी कटरा को सौंपी थी। चौकी प्रभारी ने प्रकरण की रिपोर्ट 15 जनवरी को तत्कालीन एसपी संकल्प शर्मा को सौंप दी। बाद में एसपी का निर्देश मिलते ही कोतवाली में महिला के पति और उसके अन्य साथियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद माना जा रहा था कि पुलिस इस मामले में बड़ा खुलासा करेगी और सेक्स रैकेट में शामिल तमाम चेहरे बेनकाब होंगे, मगर ऐसा अब तक नहीं हो पाया।

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पुलिस करती रही टालमटोल

मामले में तत्कालीन विवेचक का कहना था कि मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला जयपुर में रह रही है। उसे कई बार बस्ती आकर बयान देने को कहा गया, मगर वह नहीं आई। वहीं शहर में इस बात की चर्चा जोरों पर रही कि सेक्स रैकेट में शामिल लोगों को पुलिस बचा रही है। इतना ही नहीं महिला पर केस वापस लेने का दबाव भी बनाया गया, जिसके कारण महिला मुकदमा दर्ज कराने के बाद सामने नहीं आई।

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पति पर कार्रवाई नहीं चाहती थी महिला:सीओ

सीओ सिटी आलोक कुमार ¨सह ने बताया कि जहां तक उन्हे जानकारी है मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला आरोपित पति पर कार्रवाई नहीं कराना चाहती थी। वहीं कोतवाल एमपी चतुर्वेदी ने बताया कि मामला उनके समय का नहीं है, ऐसे में उन्हे इस प्रकरण की विशेष जानकारी नहीं है।

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