फोन कर बुलाया, बाइक से घुमाया और काट दिया गला

आरोपित ने अकेले ही घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 10:21 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 10:21 PM (IST)
फोन कर बुलाया, बाइक से घुमाया और काट दिया गला
फोन कर बुलाया, बाइक से घुमाया और काट दिया गला

बस्ती: लालगंज थाना क्षेत्र के बोकनार गांव निवासी वीरेंद्र उपाध्याय की हत्या के मामले का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया है। आरोपित ने अकेले ही घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है। उसका कहना है कि उससे दो लाख रुपये जमीन का बैनामा करने के लिए लिया गया था, मगर बाद में उसे टरकाया जाता रहा। इसी कारण उसने प्ला¨नग के तहत वीरेंद्र की हत्या कर दी।

पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार ने घटना का पर्दाफाश करते हुए बताया कि प्रभारी निरीक्षक लालगंज राजेंद्र कुमार राय और उनकी टीम ने आरोपित इंद्रजीत चौधरी 21 पुत्र राजेंद्र चौधरी निवासी गौरा उपाध्याय थाना लालगंज को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से खून लगा चाकू, एक प्लेन पीली शर्ट खून लगा, मोटरसाइकिल, एक मोबाइल,1230 रुपये नकद, आधार कार्ड व पैन कार्ड बरामद हुआ है। वीरेंद्र उपाध्याय 24 अक्टूबर से ही घर से गायब था उसका शव 31 अक्टूबर को थाना पुरानी बस्ती के करण खास गांव में गन्ने के खेत में मिला। शव की शिनाख्त मृतक के भाई बलराम उपाध्याय ने 2 नवंबर को की थी। पुलिस ने पहले गुमशुदगी तथा शव मिलने के बाद अपहरण, हत्या और साक्ष्य मिटाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।

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जमीन का बैनामा करने में वीरेंद्र बन रहा था रोड़ा

एसपी ने बताया कि आरोपित ने पूछताछ के दौरान कबूल किया है कि बोकनार गांव के पास स्व. मनोरमा उपाध्याय का खेत हमारे घर के सामने है जिसका चार साल पूर्व चार लाख में सौदा हुआ था, दो लाख रुपये एडवांस भी लिया गया था, मनोरमा उपाध्याय की मृत्यु के बाद बैनामा करने से इंकार कर दिया गया। कहा कि वीरेंद्र के अन्य भाई जमीन का बैनामा करने के लिए राजी थे, मगर वीरेंद्र इसके लिए तैयार नहीं हो रहा था। इसलिए उसने उसकी हत्या का प्लान बनाया और 24 अक्टूबर को अपनी पर्सनल मोबाइल से उसके मोबाइल पर फोन करके उसे महसो महुली मार्ग पर बोकनार पुलिया के पास बुलाया। खुद की मोटरसाइकिल पर वीरेंद्र उपाध्याय को बैठा कर करण खास स्थित गांव में किसी से बकाया रुपये लेने के बहाने ले गया। बाद में उन्हे पेशाब कराने के लिए रोका, वह पेशाब कर ही रहे थे कि पीछे से अभियुक्त ने गले पर चाकू से वार कर दिया। इस दौरान हाथापाई में चाकू टूट गया, बाद में वीरेंद्र जमीन पर गिर गए। उन्हे खींचकर गन्ने के खेत में ले जा कर दूसरे चा़कू से गला काटकर हत्या कर दी।

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कहानी में छेद ही छेद

हत्या का पर्दाफाश तो हो गया, मगर जो कहानी बताई जा रही है उसमें छेद ही छेद है। पहला यह कि हत्याभियुक्त घटना को अकेले अंजाम देने की बात कह रहा है, जबकि जिस तरह से हत्या की गई है उससे लगता है कि इसमें कम से कम दो लोग शामिल रहे होंगे। दूसरे सब्जी काटने वाले चाकू से हत्या करने की बात कही जा रही है। अभियुक्त का कहना है कि उसने हत्या के लिए सब्जी काटने वाला दो चाकू खरीदा था, ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या उसे मालूम था कि वीरेंद्र की हत्या के लिए एक नहीं दो चाकू की जरूरत होगी। तीसरा यह कि जिस दुकान से चाकू खरीदे जाने की बात कही जा रही है उससे पूछताछ क्यों नहीं की गई।

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गला काटने की बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्यों नहीं आई

वीरेंद्र के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था। रिपोर्ट में मौत का कारण अस्पष्ट होने से विसरा संरक्षित कर जांच के लिए भेजे जाने की बात कही गई थी, मगर हत्याभियुक्त द्वारा वीरेंद्र की हत्या गला काटकर किए जाने की बात कहे जाने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि एसपी ने कहा कि शव पुराना होने के कारण कभी कभी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाता है।

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