माताओं ने की धर्म और संस्कृति की रक्षा

एपीएन पीजी कालेज में चल रहे दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा कार्यों को समर्पित श्री रामकथा के छठें दिन अमृतवाणी की वर्षा हुई। व्यास पीठ से आचार्य शांतनु महाराज ने रघुवंश की माताओं का बखान किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Oct 2019 12:15 AM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 06:17 AM (IST)
माताओं ने की धर्म और संस्कृति की रक्षा
माताओं ने की धर्म और संस्कृति की रक्षा

बस्ती : एपीएन पीजी कालेज में चल रहे दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा कार्यों को समर्पित श्री रामकथा के छठें दिन अमृतवाणी की वर्षा हुई। व्यास पीठ से आचार्य शांतनु महाराज ने रघुवंश की माताओं का बखान किया।

कहा, माता कौशल्या, सुमित्रा, जानकी और उर्मिला के चरित्र अनुकरणीय हैं। उन्होंने देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा की। अपने पुत्रों को तिलक लगाकर प्रभु राम के साथ धर्म की रक्षा के लिए भेज दिया। राम राज का जो किला सजा उसकी नींव में जनक परिवार की बेटी की भूमिका है। जब भगवान राम, माता जानकी और लक्ष्मण जी एक साथ निकले तो पूरी अयोध्या उनके साथ चल पड़ी। भगवान के प्रति अयोध्या वासियों का यही प्रेम है। यदि परमात्मा से मिलन करना हो एकदम सरल और सहज होना होगा। केवट भगवान का चरण धुलकर पार उतारने की बात करते हैं। यही भक्ति है।

संयोजक अभय पाल ने मिशन द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों के बारे में बताया। मुख्य यजमान इंद्रावती सिंह, ओम प्रकाश सिंह, अमित सिंह ने पूजन अर्चन कराया। प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार मंत्री श्रीराम चौहान, यशकांत सिंह, अजय सिंह गौतम, श्रद्धेय पाल, पं. सरोज मिश्र, जय प्रकाश सिंह, सुरजीत, अज्जू हिदुस्थानी, गोपेश पाल मौजूद रहे।

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