रोडवेज बसें खाली चलाना अपराध : सीजीएम
सफाई व्यवस्था बेहतर रखने के दिए निर्देश, झाडू लगा दिया स्वच्छता का संदेश
बस्ती : परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक जयदीप वर्मा गुरुवार को बस्ती पहुंचे। यहां उन्होंने पहले अधिकारियों के साथ बैठक की और संचालन की व्यवस्था से रुबरू हुए। सड़कों पर चलने वाली बसों में से अधिकतर के खाली होने की शिकायत पर संबंधित की क्लास ली और कहा कि बस खाली चलना अपराध है। बिना सवारी के एक भी बस सड़क पर दौड़ती मिलीं तो संबंधित जिम्मेदार होंगे। बसों को पेंट कराने में ढिलाई पर संबंधित को चेताया, इसके अलावा डग्गामार वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए निर्देश दिए। सीजीएम ने खुद परिसर में झाडू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिए। इसके अलावा 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता अभियान की हकीकत भी परखी।
दिन में 12 बजे डिपो में जैसे ही सीजीएम का वाहन आया, खलबली मच गई। सीजीएम सीधे एआरएम कार्यालय पहुंचे। संचालित बस, आय, यात्री सुविधाएं देखी। तकनीकी कार्य बाहर से भी कराने को कहा। कार्यशाला में पहुंचने वाली बसों को समय से हैंडओवर करें। रास्ते में बस खराब होने पर संबंधित व्यक्ति जिम्मेदार होगा। बसों की सर्विस नियमित कराने को कहा। सभी बसों में दो दिन के भीतर अग्निशमन यंत्र व फस्टएड बाक्स लगाना सुनिश्चित करें। अनुबंधित बसों पर भी अब आरएम व एआरएम ध्यान देंगे। इसका खर्चा मोटर मालिक वहन करेगा। सीजीएम ने पूरे परिसर का भ्रमण किया। सफाई बेहतर करने, यात्री सुविधाएं बढ़ाने को कहा। जर्जर भवन की स्थिति देख दंग रह गए। इसका जल्द समाधान निकालें। परिसर के सामने अवैध तरीके से खुली दुकानों पर नाराजगी जताई। क्षेत्रीय प्रबंधक डीवी ¨सह ने कहा कि यात्री सुझाव दे सकते हैं। उस पर अमल किया जाएगा। सीजीएम इसके बाद कार्यशाला पहुंचे, यहां उपकरण की जानकारी ली। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक छोटेलाल से कहा कि आरटीओ के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाएं। डिपो के आस-पास ऐसे वाहनों को खड़े होने से रोकें। इस दौरान सीनियर फोरमैन अजय सहाय, अभिनव श्रीवास्तव, हरीश चंद्र उपाध्याय, राजेश्वर ¨सह, इंद्रजीत तिवारी, कन्हैया ¨सह, विनोद उपाध्याय, सत्यदेव मिश्र, मनीष श्रीवास्तव, गौरव पटेल मौजूद रहे।
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एआरएम को मिला अधिकार
डिपो में तकनीकी समस्या जल्द दूर करने के लिए बजट की आवश्यकता होती है। बजट खर्च करने के लिए आरएम से स्वीकृति लेनी पड़ती है, ऐसे में समय काफी लग जाता है। अब एआरएम को अधिकार दे दिया गया है, वह अपने स्तर पर तकनीकी समस्या दूर कर सकते हैं, इसके लिए प्रति माह 15 हजार रुपये जारी किया जाएगा।