सीएम योगी की भी नहीं सुन रहे बरेली के अफसर
मुख्यमंत्री तक पहुंची मंडल की 156 शिकायतें चारों जिलों में लंबित हैं, इसे लेकर लखनऊ से नाराजगी जताई गई है।
बरेली (जागरण संवादाता)। एक तरफ तो योगी आदित्यनाथ शिकायतों के जल्द निस्तारण पर जोर दे रहे हैं लेकिन प्रदेश के अधिकारी अपना रवैया बदलने का नाम नहीं ले रहे हैं। कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और एसपी तक पहुंचने वाली शिकायतें केवल कागज पर ही रह जाती हैं उनको सुलझाने के लिए बहुत ही धीमी गति से काम हो रहा है। मुख्यमंत्री तक पहुंची मंडल की 156 शिकायतें चारों जिलों में लंबित हैं। इसे लेकर लखनऊ से नाराजगी जताई गई है। तब कमिश्नर ने अफसरों को कसा है। चेतावनी भी जारी की है।
योगी सरकार का शिकायतों के निस्तारण पर जोर है। यह मुख्यमंत्री की प्राथमिकता का हिस्सा है। यही वजह है कि फरियाद सुनने का समय सुबह 9 से 11 बजे तक किया गया है। चाहे डीएम, एसएपी या अन्य अफसर हों, शिकायतें आ भी बहुत रही हैं। जिला स्तर पर उनका निस्तारण नहीं हो पाने से फरियादी लखनऊ पहुंचकर भी गुहार लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री को अर्जी दे रहे हैं। शासन स्तर पर पांच दिन पहले आइजीआरएस के माध्यम से त्वरित निस्तारित होने वाली शिकायतों की समीक्षा की गई तो अपने मंडल की स्थिति भी खराब रही।
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525 में 150 से ज्यादा मुख्यमंत्री के संदर्भ लंबित हैं। महज 29 फीसद का निस्तारण हुआ है। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। निर्देश भी जारी किए कि अफसर अपने रवैये में सुधार करें। शिकायतों का निस्तारण गुणवत्ता के साथ समयसीमा के अंदर होना चाहिए। कमिश्नर ने इसे गंभीरता से लेते हुए चारों डीएम, एसएसपी, एसपी को पत्र लिखा है।
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