गांव के मुकाबले शहर मेें ज्यादा लोग हुए संक्रमित

बीते दिनों कोविड कमांड सेँटर पर आई शिकायतों में जो होम आइसेालेशन तोडऩे वाले लोग थे उनमें भी शहरी ज्यादा थे। गांव में रहने वाले लोगों ने नियम कायदे का पालन कर होम आइसोलेशन का समय व्यतीत किया। इसके चलते ही गांवों में संक्रमण की चैन टूट सी गई है

By Vivek BajpaiEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 01:22 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 01:22 PM (IST)
गांव के मुकाबले शहर मेें ज्यादा लोग हुए संक्रमित
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक लोगों के सैंपल लिए गए और यहां पॉजिटिव लोग कम मिले

बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण का ग्राफ बीते एक पखवारे में काफी नीचे आ गया है। इसमें शहर के पढ़े लिखे लोगों से ज्यादा गांव में खेती किसानी करने वालों का योगदान हैं। संक्रमितों की सूची और हर रोज हो रही जांच का ग्राफ देखें तो साफ समझ आता है कि बीते दिनों शहर की बजाए देहात क्षेत्रों में सैंपङ्क्षलग काफी अच्छी हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक लोगों के सैंपल लिए गए और यहां पॉजिटिव लोग भी कम मिले, जबकि शहर में कम सैंपङ्क्षलग हुई और संक्रमित पाए जाने वाले लोगों की संख्या ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा अधिक रही।

ग्रामीण मान रहे नियम, शहरी कर हरे उल्लघंन

बीते दिनों कोविड कमांड सेँटर पर आई शिकायतों में जो होम आइसेालेशन तोडऩे वाले लोग थे उनमें भी शहरी ज्यादा थे। गांव में रहने वाले लोगों ने नियम, कायदे का पालन कर होम आइसोलेशन का समय व्यतीत किया। इसके चलते ही गांवों में संक्रमण की चैन टूट सी गई है। अगर बाहर के लोग गांव में न आएं तो ग्रामीण क्षेत्रों में अब संक्रमित भी न मिलें।

बाजारों में भीड़ को देखने वाला कोई नहीं

लॉकडाउन के बाद अनलॉक-6 तक के इस अंतराल में कई छूट मिली हैं। यही कारण है कि सुबह से लेकर शाम तक बाजारों में भीड़ बनी रहती है। शहर के बाजारों में शारीरिक दूरी कहीं नहीं दिखाई देती। कई बार तो लोग बिना मास्क के ही नजर आते हैं।

सर्वे में भी ग्रामीण अव्वल

जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सर्विलांस सर्वे में भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग अव्वल रहे। सर्वे टीमें काम पूरा कर चुकी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर के लोगों की जांच की जा चुकी है और संदिग्ध लोगों का कोरोना टेस्ट भी कराया जा चुका है। वहीं शहरी क्षेत्र में यह कार्य अब तक चल रहा है। यहां लोगों सहयेाग भी नहीं मिल रहा है।

chat bot
आपका साथी